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Durgkondal: शिक्षक 23 दिनों से अनुपस्थित,बच्चों के भविष्य से हो रहा खिलवाड़,परेशान ग्रामीण पहुँचे कलेक्ट्रेट, नदारद शिक्षक के खिलाफ लिखित शिकायत कर करवाई की मांग की*

*शिक्षक 23 दिनों से अनुपस्थित,बच्चों के भविष्य से हो रहा खिलवाड़,परेशान ग्रामीण  पहुँचे कलेक्ट्रेट, नदारद शिक्षक के खिलाफ लिखित शिकायत कर  करवाई की मांग की*



दुर्गूकोंदल ।शिक्षकों को राष्ट्र निर्माता कहा जाता है, पर राष्ट्र निर्माता कहे जाने शिक्षक खुद की लापरवाही से अपनी पहचान खोते जा रहे हैं, कोई ड्यूटी से नदारद तो कोई शराब के नशे में स्कूल पहुंच रहे हैं, जो शिक्षा जगत के लिए शर्मसार है। ऐसे ही माध्यमिक शाला कोंडरूंज के शिक्षक हेमंत ठाकुर 12अगस्त से ड्यूटी से अनुपस्थित हैं, जिससे स्कूल में पढ़ाई प्रभावित हो रही है। शिक्षक का इस तरह से अनुपस्थित रहना पहली बार नहीं है। हर महिने 10 से 15दिन अनुपस्थित रहते हैं। और जब स्कूल पहुंचते हैं, यह शिक्षक शराब के नशे में में रहते हैं। इस कारण शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है। शिक्षा व्यवस्था प्रभावित होने परेशान ग्राम कोंडरूंज के ग्रामीणों ने कलेक्टर कांकेर से लिखित शिकायत कर शिक्षक हेमंत ठाकुर के खिलाफ कार्रवाई की मांग किया है। ग्रामीण नरसूराम हिडको, जयसिंह हिडको, रजऊराम हिड़को, नेलाराम तुलावी, दुर्गूराम बोगा, चरंगूराम तुलावी, विष्णुराम बघेल ने बताया कि  माध्यमिक शाला कोंडरूंज के प्रभारी प्रधानाध्यापक हेमंत ठाकुर 12अगस्त से अनुपस्थित हैं। इस तरह हर महिने 10से 15दिन ड्यूटी से नदारद रहते हैं। इनके खिलाफ खंड शिक्षा कार्यालय दुर्गूकोंदल में 13मार्च 2023 और 27अगस्त 2024को लिखित शिकायत किया गया है, फिर भी इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। लापरवाह शिक्षकों पर कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन अधिकारी भी इनको कार्रवाई नहीं करते। बल्कि संरक्षण देते हैं। खंड शिक्षा अधिकारी दुर्गूकोंदल के पास पिछले डेढ़ साल से लिखित शिकायत कर रहे हैं, फिर भी कार्रवाई नहीं हुई। बल्कि कार्रवाई नहीं होने से इनका हौसला बढ़ा और ड्यूटी से ज्यादा नदारद रह रहे हैं। ड्यूटी नहीं करने और शिकायत के बाद इनकी वेतन जारी कैसे होती है, ये भी समझ से परे है।                  इसलिए कलेक्टर कांकेर से लिखित शिकायत कर कार्रवाई की मांग किये हैं। ग्रामीणों ने कलेक्टर से  शिकायत करते कहा है कि शिक्षक की अनुपस्थिति से मध्यान्ह भोजन संचालन नहीं हो पाती है, शाला मद की राशि का उपयोग नहीं होती है, शैक्षणिक कार्यों में रूचि नहीं लेते हैं, स्कूली समय में शराब के नशे में रहते हैं। शराब के नशे में रहने स्कूली बच्चों के उपर बुरा असर पड़ता है। खंड शिक्षा अधिकारी के पास शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई है। जिससे हम नाराज हैं, शिक्षक ही स्कूल से नदारद रहेंगे और जब स्कूल में पहुंचे तो शराब के नशे में रहेंगे तो बच्चों की भविष्य पर बुरा असर पड़ेगा। इन्होंने कलेक्टर से कहा कि तत्काल ड्यूटी से नदारद रहने वाले और शराबी शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की जाये।

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