*178वीं वाहिनी सीमा सुरक्षा बल द्वारा नागरिक सहायता कार्यक्रम एवं निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन*
दुर्गूकोंदल ।178वीं वाहिनी, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) द्वारा भारत सरकार के निर्देशानुसार संचालित नागरिक सहायता कार्यक्रम के तहत ग्राम हैतले के प्राथमिक स्कूल के मैदान में निःशुल्क चिकित्सा शिविर एवं सहायता सामग्री वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस पहल का उद्देश्य स्थानीय ग्रामीणों को आवश्यक सहायता प्रदान कर सुरक्षा बलों और जनता के बीच मजबूत संबंध स्थापित करना था।कार्यक्रम का उद्घाटन श्री रवि भूषण, कमांडेंट, 178वीं बटालियन बीएसएफ द्वारा किया गया। इस अवसर पर श्री जे.आर. कुजूर, द्वितीय कमान अधिकारी, डॉ. रवि कुमार, सहायक कमांडेंट (चिकित्सा अधिकारी), श्री राकेश पांडेय, सहायक कमांडेंट, श्री नितेश कुमार नरेटी, (हैतले सरपंच), श्री केशुराम पोटा, (मानहकल सरपंच) एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे। कमांडेंट श्री रवि भूषण ने अपने संबोधन में कहा कि "बीएसएफ न केवल नागरिकों की सुरक्षा करता है, बल्कि भारत सरकार की नीति के अनुरूप स्थानीय समुदायों के विकास और सहयोग को भी बढ़ावा देता है। यह नागरिक सहायता कार्यक्रम हमारी इसी जिम्मेदारी का हिस्सा है, जिससे ग्रामीणों को प्रत्यक्ष लाभ मिल सके।"इस कार्यक्रम के अंतर्गत ग्रामीणों को कपड़े, स्टेशनरी, खेल सामग्री, जल भंडारण टैंक एवं कृषि उपकरण वितरित किए गए। इसके तहत मांझीकुरसबोडी,कुतरीकुरुशबोडी, कटोरी, निरोंडीही, लोहारी, मनहकाल, ऐनहुर, और हैतले गांवों के लगभग 600 ग्रामीणों को लाभ मिला, जिनमें पुरुष - 225 महिलाएं- 175 और बच्चे- 200 शामिल थे।इसके साथ ही, सहायक कमांडेंट (चिकित्सा अधिकारी) डॉ. रबी कुमार, के नेतृत्व में एक निःशुल्क चिकित्सा शिविर भी आयोजित किया गया, जिसमें लगभग 113 ग्रामीणों ने स्वास्थ्य परामर्श एवं उपचार प्राप्त किया। इसमें पुरुष-53 महिलाएं -28 और बच्चे -32 शामिल थे।
ग्राम हैतले के सरपंच श्री नितेश कुमार नरेटी, ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, "बीएसएफ और भारत सरकार द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम हमारे गाँव के लिए अत्यंत उपयोगी और प्रेरणादायक साबित हुआ है। इस पहल के माध्यम से न केवल बेहतर चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध हुईं, बल्कि ग्रामीणों को आवश्यक सामग्री भी प्राप्त हुई, जिससे उनके जीवन में सहजता और सुधार आया है।"
भारत सरकार के नागरिक सहायता कार्यक्रम के तहत बीएसएफ द्वारा किए जा रहे ये प्रयास न केवल स्थानीय समुदायों के लिए लाभकारी हैं, बल्कि सुरक्षा बलों और जनता के बीच विश्वास और सहयोग को भी सुदृढ़ करते हैं। इस पहल से ग्रामीणों को प्रत्यक्ष लाभ मिला, साथ ही सुरक्षा बलों के प्रति उनकी आस्था और समर्थन और अधिक गहरा हुआ, जिससे भविष्य में बेहतर समन्वय और सौहार्द की संभावना मजबूत हुई है।
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