सुशासन तिहार में दिखावा, पांच माह बाद भी अवैध कब्जा कायम
डोंगरगढ़ राजनांदगांव (छ.ग.)
राजस्व विभाग के अधिकारी नेताओं के दबाव में काम कर रहे हैं और अपने ही आदेश का पालन नहीं करवा पा रहे हैं। मामला डोंगरगढ़ का है, जहां नायब तहसीलदार मेघा जैन द्वारा पारित आदेश को पांच माह बीत जाने के बाद भी अमल में नहीं लाया गया।
सूत्रों के अनुसार, सुशासन तिहार के दिन मात्र दिखावे के लिए अवैध कब्जा खाली कराया गया, लेकिन कुछ ही दिनों बाद कब्जाधारी ने उसी जगह पर दोबारा कब्जा कर लिया। अधिकारियों की चुप्पी और कार्यवाही न करना उनकी कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि राजस्व न्यायालय के मामलों में नेताओं का दखल इतना बढ़ गया है कि छोटे-छोटे मामलों में भी नेतागिरी की जा रही है। यही वजह है कि अवैध कब्जाधारियों को खुलेआम संरक्षण मिलता नजर आ रहा है।
जानकारी के अनुसार, सरकारी जमीन पर पहले घर और अब बाड़ी तक बना ली गई है। हैरानी की बात यह है कि जमीन लगानीदार के सामने ही कब्जाधारी को संरक्षण मिलता रहा और दोष लगानीदार पर मढ़ा गया। बताया जा रहा है कि अवैध कब्जाधारी नारायण पटेल के पास गाड़ी और सुख-सुविधाओं का दिखावा करने के लिए पैसे हैं, लेकिन सरकारी जमीन पर कब्जा करने से उन्हें कोई रोकने वाला नहीं है।
तहसील प्रशासन द्वारा दो-चार हजार का जुर्माना लगाकर कार्रवाई का नाटक किया जाता है, जबकि कब्जाधारियों को खुली छूट दी जा रही है। ऐसे मामलों ने प्रशासन की निष्पक्षता और कानून के राज पर सवाल खड़ा कर दिया है।
अनिल सिन्हा
रिपोर्टर, छत्तीसगढ़ विज़न टीवी
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