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Durgkondal: भानुप्रतापपुर के संबलपुर में गणेश प्रतिमा का रहस्य: भक्तों की आस्था का अद्भुत केंद्र"*

*"भानुप्रतापपुर के संबलपुर में गणेश प्रतिमा का रहस्य: भक्तों की आस्था का अद्भुत केंद्र"*



दुर्गूकोंदल ।भानुप्रतापपुर के संबलपुर गांव में स्थापित गणेश प्रतिमा हजारों भक्तों के विश्वास और चमत्कारों का केंद्र बनी हुई है। इस प्रतिमा को लेकर कई दिलचस्प और रहस्यमय कहानियां जुड़ी हैं। कहा जाता है कि यह प्रतिमा गढ़बांसला के तालाब में तैरते हुए मिली थी, जिसके बाद इसे संबलपुर लाने का निर्णय लिया गया। लेकिन इस प्रतिमा को लाने का सफर आसान नहीं था—7 किलोमीटर के रास्ते में 12 से 14 बैलगाड़ियों के पहिए टूट गए, और मूर्ति को हिलाना भी असंभव हो गया। अंततः इसे वहीं स्थापित कर दिया गया। यह गणेश प्रतिमा जीवित मूर्तियों में से एक मानी जाती है,क्योंकि हर साल इसकी ऊंचाई बढ़ती है। भक्तों का मानना है कि यह प्रतिमा संतान प्राप्ति और मनोकामनाओं को पूरा करती है। दूर-दूर से लोग यहां अपनी मुरादें लेकर आते हैं। इस मूर्ति को लेकर एक और दिलचस्प तथ्य यह है कि जब इसे विसर्जन के लिए ले जाने का प्रयास हुआ, तो जेसीबी और क्रेन जैसी आधुनिक मशीनें भी इसे हिला नहीं सकीं। यह घटना भक्तों के बीच गणेश जी की महिमा को और भी गहरा करती है। संबलपुर का यह 100 साल पुराना गणेश मंदिर स्थानीय संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक है। यह स्थान न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि इसे धर्मनगरी के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ समय-समय पर धार्मिक आयोजन होते हैं, जो भक्तों को आध्यात्मिक शांति और सुख प्रदान करते हैं। गजानन महाराज की महिमा अपरंपार है और उनकी प्रतिमा से जुड़े ये रहस्य भक्तों के विश्वास को और भी मजबूत करते हैं। अगर कभी मौका मिले, तो संबलपुर के इस अद्भुत मंदिर में जाकर गणपति बप्पा का आशीर्वाद जरूर लें।

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