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*KORBA नीरांजली परियोजना का शुभारंभ : ग्रामीण विकास और जल संरक्षण की ऐतिहासिक पहल*







Cgvtv रिपोर्ट कोरबा....

कोरबा जिले में आज ग्रामीण विकास और जल संरक्षण की दिशा में एक नया अध्याय जुड़ गया। एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज के सहयोग से वाटरशेड ऑर्गनाइजेशन ट्रस्ट (WOTR) द्वारा संचालित “नीरांजली परियोजना” का भव्य शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम में जिले के जनप्रतिनिधियों, वरिष्ठ अधिकारियों, सरपंचों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों की बड़ी उपस्थिति रही।


कार्यक्रम की शुरुआत अंशुल सिंह द्वारा अतिथियों के स्वागत और दीप प्रज्वलन से हुई।



मुख्य अतिथि श्रीमती नवोमिता मुखर्जी (एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज) ने कहा –

“यह परियोजना प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और ग्रामीण समुदायों के जीवन स्तर को संवारने में मील का पत्थर साबित होगी। एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज हमेशा समाजहित और सतत विकास की योजनाओं को समर्थन देता रहेगा।”


श्री आशीष यादव (वाटरशेड विभाग, कोरबा) ने बताया –

“नीरांजली परियोजना जल संरक्षण और भूमि सुधार कार्यों में कोरबा जिले को नई पहचान दिला सकती है, बशर्ते इसमें समुदाय सक्रियता से भाग ले।”



डॉ. पवन सिंह (जिला पंचायत अध्यक्ष, कोरबा) ने कहा –

“किसानों की समृद्धि और सतत कृषि का आधार जल व भूमि प्रबंधन है। यह योजना किसानों की आयवृद्धि में बड़ी भूमिका निभाएगी।”


श्री प्रकाशचंद्र जाखड़ (जनपद पंचायत उपाध्यक्ष) ने इसे रोजगार सृजन और हरित क्षेत्र विस्तार की दिशा में महत्वपूर्ण पहल बताया। वहीं श्री अंशुमान पांडा (क्षेत्रीय प्रबंधक, WOTR) ने कहा –

“यह परियोजना जलवायु अनुकूल खेती, भूमि विकास और जैविक खेती को बढ़ावा देगी।”



श्री नवीन बनकर (तकनीकी अधिकारी, WOTR) ने परियोजना का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करते हुए बताया कि पसान तहसील के 10 ग्रामों – लैगी, पौंडिकला, धौरामुड़ा, कुम्हारीदर्री, सिर्री, अमली बहरा, पिपरिया, समलाई, कोड़गार और दुल्लापुर में इसे लागू किया जाएगा। इसमें भूमि समतलीकरण, खेत तालाब निर्माण, वर्मी कम्पोस्ट इकाइयाँ, खेत बाँध, जल संरक्षण संरचनाएँ और सामूहिक आजीविका गतिविधियाँ शामिल होंगी। उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना, जल संसाधनों का संरक्षण और आत्मनिर्भर ग्रामीण समाज का निर्माण है।


कार्यक्रम का समापन राजशेखर द्वारा आभार प्रदर्शन से हुआ। इस अवसर पर जिले के अनेक गणमान्य नागरिक, सरपंच, जनपद सदस्य, शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता और बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।


“नीरांजली परियोजना” को कोरबा जिले में ग्रामीण आजीविका, पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक सहभागिता की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल माना जा रहा है।

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