*शिक्षिकाओं के मार्गदर्शन से मिली सफलता, लंबे समय से अनुपस्थित छात्र-छात्राएँ लौटे विद्यालय*
*अनुरोध कार्यक्रम बना कारगर पहल—शिक्षकों की घर-घर पहुंच ने फिर जोड़ा बच्चों को शिक्षा से*
दुर्गूकोंदल।जिला प्रशासन द्वारा संचालित अनुरोध कार्यक्रम लगातार उल्लेखनीय सफलताएँ दर्ज कर रहा है। शिक्षा से दूर होते बच्चों को पुनः विद्यालय से जोड़ने की इस पहल का सकारात्मक परिणाम अब जमीनी स्तर पर साफ दिखाई देने लगा है। इसी कड़ी में कन्या माध्यमिक शाला दुर्गूकोंदल के अंतर्गत ग्राम पलाचुर की छात्रा चंद्रिका (कक्षा 8वीं), माखन (कक्षा 7वीं), हाहालददी के अजय कुमार (कक्षा 8वीं) एवं भुरकागुदुम की छात्रा जमुना (कक्षा 7वीं), जो शिक्षा सत्र से लगातार स्कूल नहीं आ रहे थे, अब पुनः नियमित रूप से विद्यालय पहुंचने लगे हैं।इस सफलता के केंद्र में नोडल अधिकारी एवं सहायक खंड शिक्षा अधिकारी अंजनी मंडावी का मार्गदर्शन तथा विद्यालय की समर्पित शिक्षिकाएँ श्रीमती मनीषा सिन्हा एवं सावित्री ठाकुर की सक्रिय पहल रही। दोनों शिक्षिकाओं ने व्यक्तिगत जिम्मेदारी लेते हुए विद्यार्थियों के घर जाकर उनके पालकों से संवाद किया। उन्होंने शिक्षा का महत्व, भविष्य पर पड़ने वाले प्रभाव और नियमित उपस्थिति की अनिवार्यता को सरल भाषा में समझाया। लगातार प्रयासों, समझाइश और विश्वास निर्माण के बाद अभिभावक अपनी जिम्मेदारी समझे और बच्चों ने विद्यालय वापस जाना शुरू कर दिया।श्रीमती मनीषा सिन्हा ने बताया कि जिला प्रशासन का लक्ष्य है कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। अनुरोध कार्यक्रम के तहत शिक्षक समुदाय घर-घर जाकर अनुपस्थित विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों से बातचीत करते हैं। इससे बच्चों में शिक्षण के प्रति उत्साह बढ़ रहा है और परिवार भी शिक्षा के महत्व को समझने लगे हैं।शिक्षिका सावित्री ठाकुर ने कहा कि कई बार बच्चों कीब्अनुपस्थिति सिर्फ जागरूकता की कमी के कारण होती है। जब शिक्षक स्वयं जाकर परिवार से बात करते हैं, तो माता-पिता बच्चों के भविष्य को लेकर अधिक गंभीर होते हैं।परिणामस्वरूप विद्यार्थी पुनः विद्यालय से जुड़ने लगते हैं।
इन बच्चों की स्कूल वापसी ने न सिर्फ उनकी शिक्षा की निरंतरता को पुनर्जीवित किया है, बल्कि यह पहल पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी है। अन्य पालक और विद्यार्थी भी इससे प्रेरित होकर शिक्षा के महत्व को समझ रहे हैं।अनुरोध कार्यक्रम अब शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रभावी अभियान का रूप ले चुका है, जिससे क्षेत्र में सकारात्मक शैक्षणिक वातावरण विकसित हो रहा है और विद्यालयों में नियमित उपस्थिति बढ़ रही है।

0 Comments