*अनुरोध कार्यक्रम की बड़ी सफलता: शिक्षा से दूर बच्चे फिर लौटे स्कूल*
*शिक्षिका मनीषा सिन्हा की पहल रंग लाई, अभिभावक जागरूक,बच्चों की नियमित उपस्थिति शुरू*
दुर्गूकोंदल।जिला प्रशासन द्वारा संचालित अनुरोध कार्यक्रम शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ दर्ज कर रहा है। स्कूल से दूर होते बच्चों को पुनः शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य से चलाए जा रहे इस अभियान के प्रभाव अब गांव-गांव में स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगे हैं। इसी कड़ी में कन्या माध्यमिक शाला दुर्गूकोंदल के अंतर्गत ग्राम खुटगांव की कक्षा 8वीं की छात्रा तथा ग्राम दोडदे की छात्रा नीलावती (कक्षा 8वीं) जो शिक्षा सत्र से लगातार विद्यालय नहीं आ रही थीं, अब फिर से नियमित रूप से स्कूल जाने लगी हैं। बच्चों की यह स्कूल वापसी प्रशासनिक प्रयासों और शिक्षक समुदाय की जिम्मेदार पहल का सशक्त परिणाम है।इस सफलता का श्रेय शासकीय कन्या हाईस्कूल दुर्गूकोंदल के प्राचार्य एस. एस. कोमरे, खंड शिक्षा अधिकारी विप्लव डे, नोडल अधिकारी एवं सहायक खंड शिक्षा अधिकारी अंजनी मंडावी के मार्गदर्शन तथा विद्यालय की समर्पित शिक्षिका मनीषा सिन्हा के अथक प्रयासों को जाता है। शिक्षिका मनीषा सिन्हा ने इन विद्यार्थियों की निरंतर अनुपस्थिति को गंभीरता से लेते हुए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदारी संभाली और उनके घर जाकर अभिभावकों से गहन संवाद किया। उन्होंने सरल भाषा में शिक्षा का महत्व, भविष्य में मिलने वाले अवसरों, तथा नियमित उपस्थिति की अनिवार्यता को समझाया।लगातार प्रयासों, विश्वास निर्माण और समझाइश के बाद अभिभावकों ने अपने कर्तव्य को समझा और बच्चों को पुनः विद्यालय भेजने की सहमति दी। आज परिणाम यह है कि पूर्व में अनुपस्थित रहने वाले बच्चे अब उत्साहपूर्वक स्कूल आ रहे हैं और पढ़ाई में रुचि भी दिखा रहे हैं। शिक्षिका मनीषा सिन्हा बताती हैं कि जिला प्रशासन का लक्ष्य हैकोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।अनुरोध कार्यक्रम के अंतर्गत शिक्षक घर-घर जाकर विद्यार्थियों और उनके पालकों से चर्चा करते हैं, जिससे समुदाय में शिक्षा के प्रति विश्वास और जागरूकता बढ़ रही है।इन बच्चों की स्कूल वापसी ने न केवल उनकी शिक्षा की निरंतरता को पुनर्जीवित किया है, बल्कि पूरे क्षेत्र में प्रेरणा का वातावरण निर्मित किया है।इस सकारात्मक पहल से अन्य अभिभावक भी शिक्षा के महत्व को समझने लगे हैं और विद्यार्थियों में पढ़ाई के प्रति उत्साह बढ़ रहा है।अनुरोध कार्यक्रम अब एक प्रभावी और सफल शैक्षणिक अभियान का रूप ले चुका है, जिससे विद्यालयों में नियमित उपस्थिति में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है और पूरे क्षेत्र में शिक्षा का माहौल और अधिक सुदृढ़ हो रहा है।

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