## तीन साल बाद लौटेगी खैरागढ़ महोत्सव की धमक,संगीत नगरी फिर गूंजेगी राग-ताल से, मुख्यमंत्री करेंगे शुभारंभ
संवाददाता - मंदीप सिंह चौरे खैरागढ़
खैरागढ़:- एशिया के पहले संगीत विश्वविद्यालय, इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, में तीन वर्ष के लंबे अंतराल के बाद एक बार फिर खैरागढ़ महोत्सव का भव्य आयोजन होने जा रहा है। तीन दिवसीय यह सांस्कृतिक महोत्सव 19 से 21 नवंबर तक आयोजित किया जाएगा। कुलपति प्रो. डॉ. लवली शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बहुप्रतीक्षित आयोजन की पूरी रूपरेखा साझा की। वर्ष 2022 के बाद चुनावी और प्रशासनिक कारणों से महोत्सव स्थगित था। अब इसके पुनः आयोजन की घोषणा से नगर में उत्साह का माहौल है। संगीत नगरी खैरागढ़ एक बार फिर राग, ताल, नृत्य और कलात्मक प्रस्तुतियों से गूंज उठेगी।
### उत्सव का दृश्य और अंतर्राष्ट्रीय मंच की तैयारी
महोत्सव के दौरान विश्वविद्यालय परिसर और आसपास के क्षेत्रों को आकर्षक रोशनी से सजाया जाएगा, जिससे पूरे नगर में दीपावली जैसा उल्लास दिखाई देगा। दूर-दूर से कलाकार, संगीत प्रेमी और पर्यटक इस अनोखे सांस्कृतिक पर्व का आनंद लेने पहुंचेंगे। कुलपति प्रो. शर्मा ने इस बार महोत्सव को वैश्विक मंच देने के लिए महत्वपूर्ण पहल की है। उन्होंने बताया कि महोत्सव को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के उद्देश्य से अमेरिका के कैलिफोर्निया और लंदन से कलाकारों को भी आमंत्रित किया गया है।
## देशभर के दिग्गज कलाकार करेंगे प्रस्तुति
इस वर्ष महोत्सव में देश के कई नामचीन कलाकार भाग लेंगे, जिनमें शास्त्रीय गायिका आस्था गोस्वामी (वृंदावन), भरतनाट्यम नृत्यांगना डॉ. संध्या पूरेचा (दिल्ली), तबला वादक हरीश तिवारी, साहित्यकार-कलाकार व्योमेश शुक्ला, और कथक नृत्यांगना शमा भाटे शामिल हैं। इन कलाकारों के साथ स्वयं कुलपति प्रो. लवली शर्मा भी अपनी प्रस्तुति देंगी।
### मुख्यमंत्री करेंगे शुभारंभ, राज्यपाल होंगे मुख्य अतिथि
महोत्सव का शुभारंभ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के करकमलों से होगा। अति विशिष्ट अतिथि के रूप में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और विशिष्ट अतिथि के रूप में उच्च शिक्षा मंत्री टंकराम वर्मा उपस्थित रहेंगे। समापन समारोह में राज्यपाल रमेन डेका मुख्य अतिथि होंगे, जबकि उपमुख्यमंत्री अरुण साव और सांसद बृजमोहन अग्रवाल विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे।
### तैयारियाँ जोरों पर, कम बजट में उत्कृष्ट आयोजन का लक्ष्य
महोत्सव की तैयारियाँ तेज़ी से जारी हैं। मंच, सुरक्षा, प्रकाश व्यवस्था और अतिथि सत्कार सहित सभी जिम्मेदारियाँ विभागों को सौंपी जा चुकी हैं। संपूर्ण व्यवस्थाओं की निगरानी कुलपति प्रो. शर्मा स्वयं कर रही हैं। उन्होंने कहा कि "कम बजट में भी उत्कृष्ट आयोजन देना हमारा लक्ष्य है।" तीन वर्षों के बाद एक बार फिर खैरागढ़ देश-विदेश के कलाकारों और संगीत प्रेमियों के लिए केंद्र बिंदु बनने जा रहा है। कला, संस्कृति और संगीत का यह संगम न सिर्फ महोत्सव को विशेष बनाएगा, बल्कि खैरागढ़ की सांस्कृतिक विरासत और गौरव को भी नई ऊंचाई देगा।


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