लोकेशन बालोद
संजय कुमार
*भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र मैदान में अर्जुन को दिव्या गीता ज्ञान दिया*
*पूर्व बजरंग दल जिला संयोजक उमेश कुमार सेन विश्व हिंदू परिषद जिला सह मंत्री ने* *(अपने दुकान रुद्र सैलून जेंट्स पार्लर मधु चौक बालोद) में आने वाले भगवान रूपी ग्राहको गीता जयंती के अवसर पर गीता वितरण किया*
*1/12/24 को दुकान की भव्य शुभारंभ इसी दिन किया गया था*
गीता जयंती, क्या ...सनातन धर्म में गीता दिवस का महत्व है कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र में अर्जुन को 'श्रीमद्भगवद्गीता' का दिव्य ज्ञान दिया था, जो धर्म, कर्म और जीवन के गूढ़ रहस्यों को समझाता है। यह दिन मोक्षदा एकादशी पर मनाया जाता है, जो एक पवित्र दिन है और इसे भक्ति, आत्मनिरीक्षण, और गीता के शाश्वत संदेशों को अपनाने के लिए समर्पित किया जाता है।
गीता दिवस का महत्व
कृष्ण का उपदेश: यह दिन भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को युद्धभूमि में दिए गए उपदेशों की स्मृति के रूप में मनाया जाता है।
मोक्षदायिनी एकादशी: यह पर्व मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी (मोक्षदा एकादशी) को मनाया जाता है, जो शुभ और महत्वपूर्ण मानी जाती है।
धार्मिक और दार्शनिक ग्रंथ: श्रीमद्भगवद्गीता को ईश्वर की वाणी माना जाता है, जिसमें कर्म योग, ज्ञान योग, भक्ति योग और आत्मा का निरूपण है, जो जीवन के हर पहलू में मार्गदर्शन करता है।
आत्म-साक्षात्कार और शांति: गीता जयंती आत्म-साक्षात्कार, शांति और भक्ति के लिए प्रेरित करती है, जिससे व्यक्ति को जीवन की जिम्मेदारियों को निभाने और परमपिता परमात्मा को समर्पित करने में मदद मिलती है।
आध्यात्मिक गतिविधियाँ: इस दिन भक्तजन मंदिरों में विशेष पूजा-पाठ, भगवद्गीता के श्लोकों का पाठ, गीता दान और अन्य आध्यात्मिक गतिविधियों में भाग लेते हैं।
शाश्वत संदेश का प्रसार: यह दिन गीता के ज्ञान को बढ़ावा देने और आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाने के महत्व को रेखांकित करता है

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