भारतीय अल्मुनियम कंपनी (बालकों) के द्वारा प्रताड़ित श्रमिक न्याय को लेकर बाल्को थाना का काट रहे चक्कर।
कोरबा पाली शशि मोहन कोशला
भारतीय अल्मुनियम कंपनी (बालकों) के श्रमिकों ने 4 माह का वेतन ना मिलने से श्रमिकों ने 7 सितंबर बुधवार को अपने परिवारों के साथ सुबह से ही बालको गेट के समीप धरने पर बैठे हुए थे, धरने को लेकर बालकों के अधिकारियों सिक्योरिटी गार्ड एवं धरने पर बैठे श्रमिक बीएमसी सदस्यों के बीच बता बाती के दौरान हाथापाई तक हो गई थी, दोनों पक्षों ने बाल्को थाना में जाकर शिकायत की गई थी, जिसके बाद बालको पुलिस द्वारा दोनों पक्षों को एमएलसी के लिए शासकीय अस्पताल भेजा गया, दूसरे दिन यानी 8 सितंबर को दोनों पक्षों को सुबह बाल्को थाना बुलाया गया, लेकिन बाल्को प्रभारी विजय चेलक ने बालकों अधिकारियों एवं सिक्योरिटी गार्ड का बयान दर्ज किया गया, और दूसरे पक्ष यानी श्रमिकों को कुछ देर बाद आने के बाद कह कर इनको भेज दिया गया, लेकिन गौर करने वाली बात यह है, कि जब धरने के दौरान जब मारपीट हुई तो बाल्को प्रभारी एक तरफा बयान लेकर कार्यवाही क्यों कर रही, ज्यादातर मारपीट जैसे मामलों में पुलिस द्वारा दोनों पक्षों पर काउंटर ही कर दिया जाता है
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