बेलगहना तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम डाड बछाली गांव में संगीतमय श्रीमद् शिव महापुराण ज्ञान यज्ञ
बेलगहना संवाददाता राम प्रताप सिंह की रिपोर्ट..........
डाँड़बछाली ग्राम में बह रही भक्ति रस धारा कथा के चतुर्थ दिवस पर स्कंध एवं गणेश जी कथा नंदी अवतार हनुमत कथा पर प्रकाश डालते हुए उत्तराखंड से पधारे कथा व्यास पंडित जितेंद्र प्रसाद जी महराज विधि राम सिदार के निवास पर मुख्य जजमान मोहन सिंह सिदार सुशीला सिदार के निवास पर कथा श्रवण करने ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष आदित्य दीक्षित शिव कथा का रसपान कर कथा व्यास पंडित से आशीर्वाद लिया कथा व्यास पर पधारे पंडित ने बताया कि स्कन्द पुराण में एक समय जब माता पार्वती मानसरोवर में स्नान कर रही थी तब उन्होंने स्नान स्थल पर कोई आ न सके इस हेतु अपनी माया से गणेश को जन्म देकर 'बाल गणेश' को पहरा देने के लिए नियुक्त कर दिया इसी दौरान भगवान शिव उधर आ जाते हैं।
गणेशजी उन्हें रोक कर कहते हैं कि आप उधर नहीं जा सकते हैं। यह सुनकर भगवान शिव क्रोधित हो जाते हैं और गणेश जी को रास्ते से हटने का कहते हैं किंतु गणेश जी अड़े रहते हैं तब दोनों में युद्ध हो जाता है। युद्ध के दौरान क्रोधित होकर शिवजी बाल गणेश का सिर धड़ से अलग कर देते हैं।शिव के इस कृत्य का जब पार्वती को पता चलता है तो वे विलाप और क्रोध से प्रलय का सृजन करते हुए कहती है कि तुमने मेरे पुत्र को मार डाला जब भगवान शंकर ने हाथी का मस्तक लगाकर भगवान श्री गणेश को आशीर्वाद दीया l पंडित जी ने आगे बताया कि जब मनुष्य किसी भी पवित्र नदियों पर स्नान करने नहीं जा पाता तब वह अपने घर में एक बाल्टी जल पर पवित्र नदियों का आचमन कर ध्यान करके स्नान करें तो उसे पवित्र नदियों का पुण्य प्राप्त कर सकता है नंदी अवतार पर प्रकाश डालते हुए हनुमत कथा पर जानकारी दी भगवान श्रीराम के परमभक्त हनुमान्, आंजनेय और मारुति के नाम से भी जानते है। भगवान शिवजी के सभी अवतारों में सबसे बलवान और बुद्धिमान माने जाते हैं। हनुमान जी का अवतार भगवान राम की सहायता के लिये हुआ। इन्होंने जिस तरह से राम के साथ सुग्रीव की मैत्री कराई और फिर वानरों की मदद से असुरों का मर्दन किया ।
इस अवसर पर गणेश कश्यप महामंत्री जिला कांग्रेस कमिटी बिलासपुर,रामचंद्र गंधर्व,आशीष अग्रवाल,विजय कोल,कन्हैया यादव, दीपक श्रीवास,सत्यनारायण केशरवानी,चितरंजन शर्मा, विधि राम सिदार, सीधी राम सिदार , प्रेम सिंह सिदार , तुलसीराम , उदयसिंह ,जनक राम, तरुण सिंह, सिंगर चिग्डू, त्रिभुवन सिंह, कैलाश सिंह, ईश्वर ,जितेंद्र, नरेंद्र, शत्रुघ्न, अश्वनी, आदि शिव भक्तों ने कथा श्रवण किया l
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