Ticker

6/recent/ticker-posts

Kawardha: फर्जी विकलांग सार्टिफिकेट बनवाकर शासकीय नौकरी करने वालों की अब खैर नहीं

 लोकेशन - बिलासपुर हाईकोर्ट                      दिनांक- 25-04-2023             रिपोर्टिंग- ब्यूरो चीफ कवर्धा -पी.डी.मानिकपुरी                   ---------------------                              फर्जी विकलांग सार्टिफिकेट बनवाकर शासकीय नौकरी करने वालों की अब खैर नहीं  --------------------- हाई कोर्ट ने दिया मुख्य सचिव को दिया सख्त निर्देश पिछले 04सालों में क्या किया    हलफनामा के साथ बताएं  --------------------     ---------------------उच्च न्यायालय ने मुख्य सचिव को दो हफ्ते के भीतर शपथ पत्र दायर करने का दिया आदेश


छग दिव्यांग सेवा संघ ने फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी के संबंध में लगाई है याचिका







कवर्धा- छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ ने छ.ग. उच्च न्यायालय में फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट के आधार पर बड़ी संख्या में लोगों के सरकारी नौकरी में होने के संबंध में जनहित याचिका लगाई है, जिस पर उच्च न्यायालय ने दिव्यांग सर्टिफिकेट की जांच करने के संबंध में छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव को दो हफ्ते के भीतर शपथ पत्र दायर करने का आदेश जारी किया                                     

जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ ने छग उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की है कि फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट के आधार पर बड़ी संख्या में सभी विभागों में सरकारी नौकरी में लोग नौकरी पा जा रहे हैं, जिससे वास्तविक दिव्यांगजनों के अधिकारों का हनन हो रहा है एवं अस्थाई सर्टिफिकेट के आधार पर भी आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है। याचिका में कहा गया है कि वर्ष 2019 में राधाकृष्ण गोपाल ने छग उच्च न्यायालय में जनहित याचिका क्रमांक 14 ऑफ 2019 दायर किया था, जिसमें छग उच्च न्यायालय ने यह कहा कि जब कभी भी दिव्यांग सर्टिफिकेट के दुरुपयोग की शिकायत की जाए, तब प्राधिकृत अधिकारियों को उस पर कार्यवाही करनी है, जिससे फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट के आधार पर कोई भी व्यक्ति नौकरी ना पा सके उक्त आदेश के परिपालन में छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव द्वारा मई 2019 में सर्कुलर जारी किया गया कि दिव्यांगजनों को शासकीय कल्याणकारी योजनाओं एवं रोजगार का लाभ देने के पूर्व जिला मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी विकलांग प्रमाण पत्र का सूक्ष्म परीक्षण करा लेवें तथा सुनिश्चित करें कि विकलांग प्रमाण पत्र निःशक्त व्यक्ति अधिकार अधिनियम 2016 के प्रावधानों के अनुरूप ही है एवं उसका उपयोग वास्तविक दिव्यांगजन ही कर सकें किंतु, इस सर्कुलर के जारी होने के चार वर्ष बीत जाने पर भी कोई कार्यवाही नहीं होने पर छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ के उपाध्यक्ष राधाकृष्ण गोपाल ने अधिवक्ता संघर्ष पांडे के माध्यम से छग उच्च न्यायालय में याचिका दायर की, जिसमें छग उच्च न्यायालय की डिवीजन बेंच द्वारा छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव को यह आदेशित किया गया है कि वे दो हफ्ते के भीतर अपना शपथ पत्र दायर कर यह बताएं कि  दिव्यांग सर्टिफिकेट की जांच के लिए क्यों कोई भी सकारात्मक कदम नहीं उठाए गए हैं। संघ के उपाध्यक्ष राधाकृष्ण गोपाल ने बताया कि यदि शासकीय सेवा के लिए उपयोग किए गए दिव्यांग प्रमाण पत्रों की बारीकी से जांच की जाए तो अधिकांश प्रमाण पत्र फर्जी निकलेंगे और शासन-प्रशासन के विभिन्न पदों पर सेवारत कई अधिकारी-कर्मचारियों पर फर्जीवाड़ा का केस दर्ज हो सकता है। उन्होंने बताया कि शासन स्तर पर इस महत्वपूर्ण विषय पर किसी प्रकार का कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने के कारण छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ द्वारा अब छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की शरण ली गई है।                         ---------------------वर्जन - छत्तीसगढ़ दिव्यांग संघ उपाध्यक्ष राधाकृष्ण गोपाल

Post a Comment

0 Comments

Balod:  सेवानिवृत्त व्यायाम शिक्षक का सस्मामान विदाई।
Balod:  बालोद पुलिस ने 02 दिवस में जुआ खेलते 15 आरोपियों को किया गिरफ्तार।
Bilaspur:  फोटोबाजी के लिए पार्षद का खिलवाड़, मगरमच्छ के पीठ पर बैठ थाम ली लगाम  बिलासपुर रतनपुर सोशल मीडिया पर धाक जमाने और हवाबाजी करने के लिए रतनपुर का एक पार्षद ने एक विशालकाय मगरमच्छ के पीठ पर बैठ फोटो खिचवाने के लिए उस  मगरमच्छ पर बंधे रस्सी को घोड़े की लगाम की तरह थाम ली। उनकी देखा सीखी अब नगर के कई युवा और बच्चे भी इस तरह की हरकत कर अपनी जान जोखिम में डाल सकते हैं। ये महाशय है रतनपुर नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 12 के पार्षद हकीम मोहम्मद, एक जन प्रतिनिधि होने के कारण उन्हे इस तरह की खतरनाक फोटो बाजी को रोकना चाहिए और लोगो को जागरूक करना चाहिए जबकि वो खुद इस तरह की स्टंटबाजी को बढ़ावा दे रहे  दरसल रतनपुर के वार्ड क्रमांक 5 रानीपारा में स्थित बिकमा तालाब जिससे लगा हुआ खेत में  था मगरमच्छ मोहल्ले के कुछ लोग सुबह उठ कर निकले खेत की ओर जहां खेत में घूमता हुआ दिखा  मगरमच्छ जिसे देख होश उड़ गय चीख पुकार सुन कर पूरे मोहल्ले हो गय एकत्रित सभी ने हिम्मत जुटा कर किसी भी तरह बांध कर वन विभाग को दी सूचना सूचना मिलते ही वन विभाग अधिकारी पहुंचे टीम के साथ पहुंचकर खुटा घाट में छोड़ा गयापर वहा देखी गई लापरवाही रतनपुर नगर पालिका के जनप्रतिनिधि वार्ड क्रमांक 12 के भाजपा पार्षद हकीम मोहम्मद के द्वारा ऐसे खिलवाड़ किया जा रहा है ।जिसकी वीडियो फोटो सोशल मीडिया में वायरल हो रही है क्या एक जनप्रतिनिधि होते हुए ऐसी हरकत कीया जाना चाहिए। भारतीय दंड संहिता की धारा 428 और 429 के तहत अगर किसी ने जानवर को जहर दिया, जान से मारा, कष्ट दिया तो उसे दो साल तक की सजा हो सकती है। इसके साथ ही कुछ जुर्माने का भी प्रावधान है। अब देखना है कि सरकार द्वारा इस लापरवाही के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे