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Sakti: सक्ती विधानसभा में कका के कर्ज़ माफी की घोषणा से धीमी पड़ सकती है मोदी लहर, कांग्रेस का पलड़ा भारी...*

 लोकेशन, छत्तीसगढ़ सक्ती

31/10/2023


*सक्ती विधानसभा में कका के कर्ज़ माफी की घोषणा से  धीमी पड़ सकती है मोदी लहर, कांग्रेस का पलड़ा भारी...*


 *छत्तीसगढ़ में पुनः चल सकता है,भूपेश बघेल का जादू चलेगा* 



सक्ती। सक्ती विधानसभा क्षेत्र की जनता 17 नवंबर को उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करने वाली है। उससे पहले समूचे विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशी अपने  प्रचार प्रसार के लिए  रात दिन एक कर रहे हैं। प्रत्याशी व उनके समर्थक सुबह से लेकर देर रात तक लोगों के घर-घर पहुंचकर अपनी अपनी पार्टियों का लेखा-जोखा बता रहे हैं। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियां मतदाताओं की सेवा चाकरी करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ रहीं हैं। वहीं नेता अपने पीछे घूमने वाले पार्टियों के प्रचार-प्रसार में अहम भूमिका निभाने वाले कार्यकर्ताओं की सुविधाओं का पूरा ध्यान रख रहें हैं ताकि भीड़ पूरे दिन नेताओं को घेरे रहे। नेता अपने अपने प्रचार के दौरान गांवों में मतदाताओं तक पहुंचकर वोट की अपील कर रहे है। वही सोशल मीडिया की भूमिका बहुत अहम हो चुकी है ऐसे में फेसबुक, व्हाट्सअप ग्रुप,   अखबार, टी.वी. के जरिये से भी जमकर प्रचार प्रसार किया जा रहा है। सक्ती विधानसभा की बात करें तो यहां चुनावी प्रचार-प्रसार छण छण रंग बदलता नजर आ रहा है।कभी डा. महंत का प्रचार ज्यादा दिखता है तो कभी खिलावन साहू का। मतदाताओं की सुनें तो दोनों ही पार्टियों में विभीषणों की कमी नहीं हैं। मतदाता कहते हैं, उन्होंने कांग्रेस के वर्तमान और भाजपा के भूतपूर्व विधायक रहें खिलावन साहू दोनों को ही मौका दिया आज सक्ती विधानसभा में जनता को क्या चाहिए था क्या मिला विधायकों ने किस किस वायदों से चुनाव जीते यह बात जग जाहिर है। किन्तु अब,अब तो बारी जनता की है जब हम किसे विजय श्री का तिलक होगा यह चुनाव परिणाम से पता लगेगा। जनता भी  नेताओं के  दाव पेंच उन्हीं पर आजमाना सीख गई है। है।  

       *भाजपा व कांग्रेस दोनों का चुनाव प्रचार मीडिया में बराबर* 

किसी भी बड़े लोकतंत्र में  निर्वाचन क्षेत्रों का आकार विशाल होता है। किसी भी उम्मीदवार या पार्टी का हर मतदाता के पास सीधे पहुंचना संभव नही होता लेकिन इस बात की कोशिश जरूर होती है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक अपनी बात पहुंचाई जाए इसके लिए परंपरागत माध्यमों में झंडा, बैनर, पोस्टर, सभा, बैठक, रैली, गली-गली प्रचार गाड़ी घुमाना और घर-घर जाकर लोगों से मिलना शामिल है। वही चुनाव प्रचार का दूसरा बड़ा माध्यम मीडिया है, जिसमें चैनल, अखबार और अब डिजिटल और सोशल मीडिया शामिल है। सक्ती विधानसभा में दोनों ही पार्टियों का चुनाव प्रचार सोशल मीडिया में बराबर दिख रहा है। वही फील्ड की बात करें तो डा. महंत के पास ज्यादा समर्थक, ज्यादा संसाधन और वर्तमान में जिस पद पर वे है उसका रूतबा उसे भाजपा प्रत्याशी से बेहतर साबित करता नजर आ रहा है। 

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छत्तीसगढ़ विजन टी वी सक्ती से ब्यूरो हेड महेंद्र कुमार खांडे, जितेन्द्र पटेल

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