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Durgkondal: शिक्षा की गुणवता को बेहतर करने ,व्याख्याताओं की एक दिवसीय कार्यशाला बैठक हुई*

*शिक्षा की गुणवता को बेहतर करने ,व्याख्याताओं की एक दिवसीय कार्यशाला बैठक हुई*




दुर्गुकोंदल :- विकासखंड में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए हमर लक्ष्य अभियान के तहत जिला कलेक्टर डा. प्रियंका शुक्ला,जिला शिक्षा अधिकारी भुवन जैन के निर्देशानुसार विकासखंड शिक्षा अधिकारी एस पी कोसरे,सहायक खंड शिक्षा अधिकारी अंजनी मंडावी के मार्गदर्शन में 16 हाई व 11 हायर सेकेंडरी विद्यालय के गणित के 27,भौतिकी के 11,रसायन के 11,विज्ञान.जिवविज्ञान के 27एवं अंग्रजी के ब्याख्याताओ की एक दिवसीय कार्यशाला खंड स्रोत कार्यालय के बैठक कक्ष में दो पली में आज दिनांक दो जनवरी मंगलवार को आयोजित की गई ।कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य बोर्ड परीक्षा हेतु 50दिन की कार्य योजना,शैक्षणिक गुणवत्ता के प्रति सकारात्मक सोच विकसित करने, स्कूल में प्रेणादायी वातावरण निर्मित करने तथा विद्यार्थियों की अनुपस्थिति को शून्य स्तर तक लाने, स्कूलों में रेमेडियल और अतिरिक्त क्लास लगाने के लिए प्रोत्साहित कर आवश्यक दिशा निर्देश के साथ मैरिट सूचि में लाने ब्याख्याताओ से कार्य योजना का निर्माण पर चर्चा था।

कार्यशाला में सर्वप्रथम सहायक खंड शिक्षा अधिकारी अंजनी मंडावी व संजय वस्त्रकार ब्याख्याता के द्वारा विगत वर्ष के परीक्षा परिणाम की समीक्षा  विद्यालयवार की गई,इसके पश्चात् अर्धवार्षिक परीक्षा परिणाम पर चर्चा व उसकी समीक्षा करते हुए संभावित मैरिट सूचि व विद्यालय में बेहतर परीक्षा परिणाम हेतु कार्य योजना की चर्चा विषय नोडल द्वारा प्रस्तुत की गई ।इसमें भौतिकी पर सीमा चौधरी,तपस्वनी दलाई,गणित पर भोजराम वर्मा,राजमाला देवनाथ,रसायन शास्त्र पर मंजू ध्रुव,मरकाम,विज्ञान व जीवविज्ञान पर शिवकुमार मडावी,अंग्रेजी पर श्रीधर दास,तृप्ति गजभिये के द्वारा सम्भावनाओ जैसे हम बेहतर परीक्षा परिणाम हेतु क्रमवार,लेखन कौशल,50दिन की क्रमबद्ध योजना,ब्लूप्रिंट आधारित पाठ्यक्रम को सरल से कठिन की ओर जिससे धीरे सिखने वाले,माध्यम गति से सीखने वाले व तेज गति से सीखने वाले विद्य्राथियो को लाभ हो वही  चुनौतीयों जैसे विद्यार्थियों की नियमित उपस्थिति स्वअध्ययन आदि पर आकर्षक व रोचक बाते रखी गई

कक्षा 10वीं -12वीं बोर्ड परीक्षा परिणाम में सुधार लाने व अधिक से अधिक बच्चों को मेरिट में स्थान दिलाने के लिए स्कूलों में शैक्षणिक वातावरण बेहतर करने के लिए ब्याख्याताओ के बीच चर्चा किये गए। विकासखंड शिक्षा अधिकारी एस पी कोसरे ने प्रोत्साहित करते हुए कहा कि सामाजिक और आर्थिक परिस्थिति को बेहतर करने में शिक्षा का सर्वाधिक योगदान होता है। विद्यार्थियों के भविष्य को गढ़ने में शिक्षकों की बड़ी भूमिका होती है, उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रतिदिन प्रेरित करें।आगे उन्होंने कहा की हम सभी इस बात से वाकिफ हैं कि तकनीकी कैसे शिक्षा का चेहरा बदल रही है। न केवल शिक्षा प्राप्त करने का तरीका बदल गया है बल्कि छात्रों को पढ़ाने के तरीकों का भी विकास हुआ है। पहले, शिक्षा एकतरफा ज्यादा थी, लेकिन आजकल, शिक्षक छात्रों को कक्षाओं में सूचना के दो-तरफा प्रवाह को बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। विद्यार्थियों की अनुपस्थिति कम से कम हो यह सुनिश्चित की जाए। आगे कहा कि स्कूल भवन एवं उनमें उपलब्ध सुविधाओं से विद्यार्थियों का भविष्य नही बनाया जा सकता है, बल्कि ज्यादा महत्वपूर्ण विद्यार्थियों की भविष्य गढ़ने में आपकी मेहनत और ईच्छा शक्ति निर्भर करती है। आप अपने मेहनत और लगन से ही विद्यार्थियों का भविष्य बनाते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के पढ़ाने की सूची में कोई कमी नहीं होती, तभी हम आगे बढ़ते हैं।सहायक खंड शिक्षा अधिकारी अंजनी मंडावी  ने कहा कि शिक्षक अगली पीढ़ी के दिमाग को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे न केवल ज्ञान प्रदान करने के लिए बल्कि छात्रों को आजीवन सीखने वाले बनने के लिए मार्गदर्शन और प्रेरित करने के लिए भी जिम्मेदार हैं। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि शिक्षक अपने शिक्षण कौशल और ज्ञान को बढ़ाने के लिए आवश्यक कार्यशाला में उपस्थित रहे और अपने ज्ञान कौशल का विकास करें।संजय वस्त्रकार ने कार्यशाला में कहा कि अपने विद्यालय में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के तरीकों की खोज करें। इंटरैक्टिव और व्यावहारिक शिक्षण दृष्टिकोण को शामिल करने पर विचार करें, जिससे छात्रों को अपने सीखने में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके जिससे सर्वांगीण शिक्षा सुनिश्चित होता हैं। एक सकारात्मक और समावेशी वातावरण को बढ़ावा दें, जिससे प्रत्येक छात्र को शैक्षणिक रूप से सफल होने का अवसर मिले।

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