*छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध फिल्म कलाकार स्व. शिवकुमार दीपक जी को, कांकेर के कलाकारों ने दी श्रद्धांजलि , मरणोपरांत पद्मश्री की मांग*
कांकेर | छत्तीसगढ़ के (छालीवुड) छत्तीसगढ़ी फिल्म के सुप्रसिद्ध कलाकार शिवकुमार दीपक जी हमारे बीच नहीं रहे। उनका सतलोक गमन हो चुका है| उनको श्रद्धांजलि देने छत्तीसगढ़ प्रदेश लोक कलाकार कल्याण संघ के जिला संरक्षक लखन लाल नेताम जी, डॉ. देवेंद्र साहु जी, जिलाध्यक्ष परमानन्द कावड़े जी, जिला उपाध्यक्ष दिलीप ताम्रकार जी, महासचिव दयालु मरकाम, जिला सचिव जैन लाल सूर्यवंशी जी, ब्लॉक सचिव भोजेश्वर सिन्हा और जिलामिडिया प्रभारी विकास राजु नायक, सहित अन्य कलाकार उपस्थित हुये और उन्हें श्रद्धांजलि दी और जिसमें उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुये उनके उपलब्धियों को याद किया और कलाकारों ने मरणोपरांत पद्मश्री देने की मांग करने ज्ञापन सौपने का निर्णय लिया |
जिला संरक्षक लखन लाल नेताम जी ने कहा कि मुझे छत्तीसगढ़ी लोक कला मंच छत्तीसगढ़ महतारी भिलाई सेक्टर 06 मंचों में स्व. शिवकुमार दीपक जी के साथ 04-05 मंचों में कार्य करने का अवसर प्राप्त हुवा और उनसे सिखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ मैं बहुत बड़ा भाग्यशाली हूं कि मैं उनके साथ मंचों में कार्य किया, छत्तीसगढ़ के बड़का कलाकार कला और संस्कृति के लिए छत्तीसगढ़ीया समाज को जागृत करने वाले आदरणीय शिव कुमार दीपक आज हमारे साथ छोड़कर छत्तीसगढ़ महतारी के कोरा माँ समा गये अत्यंत दुख की बात है कि छत्तीसगढ़ी फिल्म के सुप्रसिद्ध कलाकार शिवकुमार दीपक जी के स्वर्गवास हुआ, गांव में होने वाले नाच तथा रामलीला, कृष्ण लीला देख देखकर वे बड़े हुए और उनका कला की ओर बचपन से ही झुकाव हो गया। नाच तथा लीला से प्रभावित होकर अपने बाल सखाओ के साथ मिलकर कला साधना में जुट गए। स्कूल से छुप-छुपकर वे सदा इसी में लगे रहते। पढ़ाई के दौरान स्कूल के कार्यक्रम तथा नाटकों में भाग लेने लगे। एक बार गांधी जी का दुर्ग स्टेशन में दर्शन किया जो ट्रेन से कलकता जा रहे थे, गांधी जी के जय जय कार तथा आजादी के नारों से वे अत्यंत प्रभावित हुए। अपने बाल सखाओ के साथ आजादी की लड़ाई करने की ठान ली और ब्रिटिश ध्वज को आग लगाने दुर्ग के कोर्ट में चला गया ,जहां पकड़े जाने पर थाने में बंद किया गया।
जिलाध्यक्ष परमानन्द कावड़े जी ने कहा कि सन 1965 में प्रथम छत्तीसगढ़ी फिल्म कहि देबे संदेश का निर्माण हुआ जिसमें दीपक जी को प्रमुख चरित्र अभिनेता की भूमिका निभाने का अवसर मिला, साथ ही दूसरी छत्तीसगढ़ी फिल्म ‘घर द्वार’ में भी चरित्र भूमिका निभाने के लिए बुलाया गया। इसी दौरान दुर्ग के दाउ रामचंद्र देशमुख द्वारा निर्मित लोक कला मंच चंदैनी गोंदा में हास्य भूमिका निभाने का अवसर मिला, चंदैनी गोंदा के साथ साथ दुर्ग के दाऊ महासिंग चंद्राकर के सोनहा बिहान लोक कला में भी जुड़ा रहा जहां नाटक लोरिक चंदा, हरेली में भाग लिया।मिडिया प्रभारी विकास राजु नायक ने बताया कि शिवकुमार दीपक जी का निधन छत्तीसगढ़ी फिल्म और कला जगत की अपूर्णीय क्षति है, ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति और परिजनों को संबल प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं और उनकी उपलब्धि के बारे में कुछ कहता हूं, दिल्ली दूरदर्शन से लोरीक चंदा के प्रदर्शन के लिए दूरदर्शन दिल्ली जाना पड़ा। लोरिक चंदा का प्रदर्शन भारत के बड़े शहरों में करने इलाहाबाद, टाटा, जमशेदपुर, बंबई कलकत्ता, मद्रास, नागपुर, बनारस, आदि स्थानों में करते रहे।” स्व. दीपक जी ने बताया था कि लंबे अंतराल के बाद पुनः छत्तीसगढी फिल्मों का निर्माण शुरु हुआ जिसके निर्माता सतीश जैन द्वारा निर्मित फिल्म ‘मोर छैय्या भूईया’ में भूमिका निभाने का अवसर मिला। रायपुर के प्रेम चंद्राकर द्वारा निर्मित फिल्म ‘मया दे दे मया ले ले’, ‘परदेशी के मया’, ‘तोर मया के मारे’, फिल्मों में हास्य की भूमिका निभायी, तीन बार बेस्ट हास्य कलाकार का पुरस्कार मिला। इस तरह अनेकों लोक कला मंच में अपने अभिनय कला प्रदर्शन करते रहा। इस तरह लगातार एक पात्रीय की हास्य भूमिका के लिए छत्तीसगढ़ फिल्म फेस्टीवल अनेकों छत्तीसगढ़ी फिल्मों में हास्य भूमिका करने का अवसर मिला।जिला उपाध्यक्ष दिलीप ताम्रकार जी ने कहा कि अभिनय से जुड़े शिवकुमार दीपक जी को छत्तीसगढ़ सरकार से कई सम्मान भी मिले है, दीपक जी बचपन से ही रामलीला, कृष्ण लीला जैसे कार्यक्रमों में अपनी कला का अभिनय बिखेरते रहें शिवकुमार जी छत्तीसगढ़ी के अलावा भोजपुरी, हिंदी फिल्मों में अपने अभिनय का जौहार दिखाया, और आज उनके जैसे कलाकार हमसे दूर होना पीड़ादायक है |
जिलासचिव जैन सूर्यवंशी जी ने कहा कि छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ सुप्रसिद्ध फिल्मी कलाकार शिवकुमार दीपक जी का निधन छत्तीसगढ़ी सिनेमा के लिए बड़ी क्षति है, शिवकुमार दीपक जी ने छत्तीसगढ़ी फिल्मों में अपनी कलात्मक प्रतिभा की शानदार छाप छोड़ी थी, और कॉमेडियन कलाकारों की सूची में सबसे पहले नाम जाना जाने लगा, उनके निधन पर उनके परिवार को सम्बल प्रदान करें|
भोजेश्वर सिन्हा ब्लॉक सचिव ने सभी उपस्थित कलाकार साथियों को उपस्थित होने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया और 02 मिनट मौन धारण कर सभी एक साथ उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया उसके पश्चात् सबका आभार व्यक्त किया| कार्यक्रम में सोहन नाग,जिलाध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ सुलोचना सोम, महेश टांडिया, मुकेश साहु, संजय साहु, मोहपत कावड़े, भगवती नेताम, संदीप कुलदीप, पवन पटेल, नरेश दीवान, लुनेश्वरी साहु, वर्षा मरकाम, रुखमनी नागवंशी, रामेश्वरी जैन, योगिता ठाकुर, सकून पटेल, फुलेश्वरी कोमरा भवानी मरकाम, पुजा कुलदीप, अनीता सिन्हा शामिल हुये |
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