*चेमल माइंस का ग्रामीणों ने किया विरोध: जमकर नारेबाजी की और जनसुनवाई में भी शामिल नहीं हुए*
दुर्गूकोंदल।मेसर्स पुष्प स्टील एंड माइनिंग प्राईवेट लिमिटेड ग्राम हाहालद्दी चेमल की कुल 66हेक्टेयर में वर्तमान क्षमता 0.4मिलियन टन से 1.2मिलियन टन प्रतिवर्ष उत्खनन हेतु पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए लोक सुनवाई का आयोजन 26सितम्बर को किया गया था, लोक सुनवाई 11बजे प्रारंभ हुई, लेकिन लोक सुनवाई हाल में एक भी ग्रामीण अपना पक्ष रखने नहीं पहुंचे। ग्राम चेमल, एड़गुड़, भेजर, तुमरीसुर, आमागढ़ के ग्रामीणों सामुदायिक भवन से बाहर लोक सुनवाई का विरोध किया। और पुष्प स्टील कंपनी वापस जाओ की नारेबाजी करते रहे। राजस्व, विभाग और पुलिस विभाग के अधिकारियों ने लोक सुनवाई में बात रखने को कहा लेकिन ग्रामीण नहीं माने और नारेबाजी करते बाहर से ही अपनी आवेदन थमाकर वापस लौट गये। लोक सुनवाई में हंगामा होने की आशंका से बड़ी संख्या में पुलिस सुरक्षा लगाई गई थी। तहसील कार्यालय के अहाता और सामुदायिक भवन के मुख्य द्वार में बांस से बेरीकेट्स लगाई थी। हंगामा होने की आशंका से मुख्यमंत्री सुरक्षा की तरह जांच की जा रही थी। अंत तक लोक सुनवाई कक्ष सामुदायिक भवन में कोई नहीं घुसा। लोक सुनवाई में अपना पक्ष रखने कोई ग्रामीण नहीं पहुंचे तो अधिकारी चले गए।शंकर नरेटी, भेजर, सहदेव तुलावी बोदेली, चरण बढ़ाई चेमल, सुद्धू तुलावी बोदेली, सोमाराम आचला भेजर, जगदू राना एड़गुड़, मनेष तुलावी तुमरीसुर, नरेश राना चेमल सतीश पटेल चेमल, अनिल पुड़ो तुमरीसुर, मंशा नेताम तुमरीसुर ने बताया कि जनसुनवाई का हम विरोध करते हैं, इसलिए विरोध करते हैं, वर्ष 2006 में जनसुनवाई कंपनी ने आश्वासन दिया था, कि क्षेत्र का विकास करेंगे, रोजगार देंगे। शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में क्षेत्र के लोगों को सुविधा देंगे। लेकिन चेमल माइंस में खनन और परिवहन कार्य 2017में प्रारंभ हुई आजतक क्षेत्र में विकास कार्य नहीं कराये, शिक्षा स्वास्थ्य के क्षेत्र में कोई कार्य नहीं हुआ है। कौशल विकास, आईटीआई ट्रेनिंग भी बेरोजगार युवकों नहीं दी गई। सभी लोगों को माइंस में रोजगार नहीं दिया गया है। पुष्प स्टील कंपनी, तहसीलदार, एसडीएम, कलेक्टर, एसडीओपी को कई बार लिखित आवेदन दिये हैं, लेकिन हमारे आवेदन पर कोई अमल नहीं किया गया है। धरना प्रदर्शन के माध्यम से मांग करने पर अधिकारी कंपनी का पक्ष लेकर जायज मांग करने वाले ग्रामीणों को दबाव डालते हैं। इससे हम नाराज हैं, खदान खुलने हमारे क्षेत्र का कोई विकास नहीं हुआ है, सिर्फ कंपनी मालामाल हो गई। हम चाहते हैं, क्षमता विस्तार ना हो। इसलिए विरोध में खड़े हैं। माइंस प्रभावित क्षेत्र किसी भी गांव के लोगों ने लोकसुनवाई में नहीं पहुंचे। बाहर रहकर विरोध दर्ज कराये हैं। सहदेव तुलावी ने कहा क्षमता विस्तार करने की कोई जरूरत नहीं है, इन्हें पर्यावरण स्वीकृति नहीं मिलनी चाहिए । भावसिंग राना एड़गुड़, प्रदीप पटेल चेमल, सुकलाल तुलावी बोदेली, नरेंद्र आचला भेजर ने बताया कि खदान खुलने से हमें कोई लाभ नहीं है, पुष्प स्टील सिर्फ खदान चलाना चाहती है, क्षेत्र हित और गांव हित में कोई कार्य नहीं करती है, हमारी मांग है, उत्खनन क्षमता विस्तार ना हो। पर्यावरण स्वीकृति ना दिया जाये। हम विरोध में खड़े हैं। विशेष तिरसुनिया, रमेश चुरेंद्र ने बताया कि खेत लाल पानी आने से जमीन खराब हो रही है। क्षतिपूर्ति राशि, बोनस राशि नहीं मिली है। कंपनी आश्वासन देती है, फिर बाद धोखा देती है। लोक सुनवाई कक्ष में माइंस प्रभावित क्षेत्र ग्राम चेमल, एड़गुड़, भेजर, तुमरीसुर, बोदेली के ग्रामीण नहीं घुसे तो किसी भी परिवहन संघ, सरपंच, जनपद सदस्य, भाजपा, कांग्रेस के नेता लोक सुनवाई में अपनी पक्ष रखने की हिम्मत नहीं जुटाई। लोक सुनवाई स्थल से 20मीटर दूर पहली बैरिकेट्स के सामने नारेबाजी करते रहे। विरोध में 183 आवेदन ग्रामीणों ने तहसीलदार दुर्गूकोदल को सौंपा कांग्रेस नेता पंकज वाधवानी, कृष्ण टेकाम, आकाश यदु, शोपसिंग आचला, भाजपा नेता शकुंतला नरेटी, जनपद सदस्य देवलाल नरेटी, जनपद सदस्य जोहन गावड़े, शिवसेना नेता चंद्रमौली मिश्रा सहित अन्य लोग ग्रामीणों के समर्थन में नारेबाजी करते रहे।
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