*आयुर्वेद् औषधालय कोदापाखा में आयुर्वेद के अधिष्ठाता देव भगवान धन्वंतरि की कांस्य प्रतिमा का विधि विधान से प्राण प्रतिष्ठा किया गया*
दुर्गुकोंदल:आयुर्वेद औषधालय कोदापाखा में आयुर्वेद के अधिष्ठाता देव भगवान धन्वंतरि की कांस्य प्रतिमा का विधि विधान से पंडित तामेश्वर तिवारी द्वारा विधिवत पूजन,प्राणप्रतिष्ठा,हवन के साथ डॉक्टर के व्ही गोपाल दम्पति द्वारा की गई। विदित हो कि पौराणिक ग्रंथ में भगवान धन्वंतरि देवताओं के चिकित्सक और आयुर्वेद के जनक माने जाते हैं,जीनकी चार भुजाएं हैं इनमें से ऊपर के एक हाथ में शंख, दूसरे में अमृत कलश और नीचे के तीसरे हाथ में जड़ी बूटी और चौथे में आयुर्वेद ग्रंथ है।इन्हे आयुर्वेद की चिकित्सा करनें वाले वैद्य, आरोग्य का देवता कहते हैं। विगत एक वर्ष से आयुर्वेद औषधालय कोदापाखा में ऑक्सीजन जोन निर्माण के साथ-साथ जड़ी बूटी शोध का कार्य क्षेत्र में डॉ गोपाल व डॉ के वाणी के मार्गदर्शन में चल रहा था। औषधालय में ऑक्सीजन जोन,हमर सुग्घर औषधि उद्यान का निर्माण कार्य औषधालय के साविता कोमरे,जगदीश मरकाम,सीमा जुर्री व बीएसएफ 178वी बटालियन,ग्राम पटेल रामप्रसाद नरेटी,ब्याख्याता संजय वस्त्रकर व पतंजलि खंड प्रमुख,शिवप्रसाद बघेल योग शिक्षक के साथ ग्रामवासियों के सहयोग से किया गया।जिसके निर्धारित क्षेत्र में विभिन्न प्रजाति के पौधे का रोपण किया गया है साथ ही क्षेत्र में जड़ी बूटी शोध से प्राप्त विभिन्न प्रकार के दुर्लभ औषधीय पौधों का संरक्षण व रोपण किया गया है।औषधालय में स्थित आरोग्य मंदिर में प्रतिदिन योग सत्र संचालित है।औषधालय परिसर में प्रवेश करते ही गमले में लगे विभिन्न दुर्लभ औषधि से युक्त उद्यान मन मोह लेता है।भगवान धन्वंतरि की कांस्य प्रतिमा की स्थापना के अवसर पर डॉक्टर एस एस ध्रुव जिला आयुष अधिकारी,डॉ अरविंद मिश्रा,डॉ गोल्डी लांझेवार विशेषज्ञ चिकित्सा अधिकारी के साथ जिले में संचालित आयुर्वेद औषधालय के चिकित्सक इस अवसर पर उपस्थित रहे। ऑक्सीजन जोन एवं दुर्लभ औषधीय के पौधों का संरक्षण व रोपण में आसपास के ग्रामीणों जैसे बांगाचार,घोड़ादार डोंगरी,इंदुलघाटी का सहयोग रहा।इस अवसर पर राधा अशोक जैन जनपद सदस्य,अशोक जैन,नीतू ध्रुव,बिरसु नरेटी अधीक्षक,अनिता टांडिया मितानिन,घनाराम कश्यप प्राचार्य व ग्रामीणजन उपस्थित थे।
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