*जिले के 67 प्रबंधको ने काली पट्टी लगाकर कर दिया आंदोलन का आगाज*
रिपोर्टर --जयविलास शर्मा
*तीन सूत्रीय लंबित मांग,धान खरीदी होगा प्रभावित
गरियाबंद --धान खरीदी के ठीक पहले सहकारी समितियों के प्रबंधकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।छग सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ के आव्हान पर प्रबंधको ने गत शनिवार को काली पट्टी लगाकर अपने तीन सूत्रीय मांगों के पूरे ना होने पर विरोध किया है इसके बाद भी सरकार नहीं सुनी तो 21और 22 अक्टूबर को जिला स्तर धरना देंगे इन दो दिनों तक प्रदेश के सभी 2058 समितियों के लगभग 13 हजार प्रबंधक सामूहिक अवकाश पर रहेंगे ,फिर भी शासन मांग पूरी नहीं करती है तो 4 नवम्बर से प्रदेश स्तरीय अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे।
*आखिर किन मांगों के लिये प्रबंधको ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रहे हैं?*
प्रदेश के समिति प्रबंधकों ने जिन तीन सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है वो उनकी वर्षों पुरानी लंबित मांग है। मध्यप्रदेश की तरह वेतनमान, प्रतिवर्ष 3 लाख रूपये प्रबंधकीय अनुदान राशि, खाद बीज कमीशन में चार गुना बढ़ोतरी,खरीदी निति में वर्णित 16.9 में सम्पूर्ण सुखद को मान्य करने सहित राशन वितरण में 5 क्विंटल क्षतिपूर्ति की मांग कर रहे हैं।समिति प्रबंधकों को वर्तमान साय सरकार से अपेक्षा है उनकी लंबित मांगों को सरकार पूरा करेगी।
*प्रबंधक हड़ताल पर गये तो खरीदी होगा प्रभावित*
सरकार के समर्थन मूल्य पर धान खरीदी नजदीक है ऐसे में प्रबंधक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाते हैं तो इसका असर होने वाले धान में दिखाई देगा। धान खरीदी का पूरा दारोमदार समिति प्रबंधकों पर रहता है खरीदी से लेकर रिपोर्टींग और राशि जमा करने के पूरे काम काज का देखरेख प्रबंधकों पर है ऐसे में सरकार किसी नये कर्मचारियों को समितियों में प्रभारी बनाती है तो सभी कामकाज प्रभावित होंगे।
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