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Rajnandgaon: संग्रहण केंद्र सेवताटोला में धान बर्बाद जिम्मेदार कौन,

जिला राजनांदगांव डोंगरगांव( छ. ग.)

संग्रहण केंद्र सेवताटोला में धान बर्बाद जिम्मेदार कौन,





जिम्मेदार अधिकारी द्वारा मीडिया को जवाब नहीं दिया गया, खबर नहीं लगाने की बात जिला विपरण अधिकारी द्वारा बोला गया,

धान खरीदी 14 नवम्बर से जारी है और उपार्जन केंद्रों से संग्रहण केन्द्रों में भेजा जा रहा है। जिले में 4 संग्रहण केंद्र कलकसा, सिंघोला, बीजाभांठा, सेवताटोला में बनाया गया है और सभी संग्रहण केन्द्रों में सोसाइटियों से धान की आवक शुरू हो चुकी है।



डोंगरगांव सेवताटोला धान संग्रहण केंद्र में स्थिति का जायजा लेने पर पता चला कि इस वर्ष 2024–25 के धान की आवक शुरू हो गई है वहीं वर्ष 2023–24 में क्रय धान भी इस संग्रहण केंद्र में लगभग 2 लाख 77 हजार क्विंटल स्टोरेज किया गया था जिसमें से 64हजार क्विंटल धान अभी भी रखा हुआ है और बहुत से धान की बोरियां सड़ चुकी है और धान में जड़ भी निकल गई है। बहुत सा धान भीगने की वजह से काला पड़ गया है।

एक वर्ष बाद भी उठाव ना होने के संबंध में जब प्रभारी टी पी साहू से बात की गई तो उन्होंने बताया कि डी ओ कट चुका है लेकिन मिलर्स के द्वारा ही परिवहन में देर की जा रही है। जिला विपणन अधिकारी हिना खान को जब पिछले वर्ष के धान के संग्रहण केंद्र में खराब होने की जानकारी दी गई तो उन्होंने धान खराब होने की बात से इंकार करते हुए कहा कि सभी धान सुरक्षित है।,

मीडिया को कोई भी जवाब देने से इनकार ,

 मीडिया को जवाब नहीं देना मतलब अपनी जिम्मेदारी को सही नहीं निभाना ,

जब संग्रहण केन्द्रों में ये हाल है करोड़ों अरबों रुपए के धान का तो ये सवाल उठेगा कि क्यों पिछले वर्ष के धान का परिवहन एक वर्ष बाद भी राइस मिलों को नहीं हो पाया? 

डबल डबल लोडिंग अनलोडिंग ट्रांसपोर्टिंग में भारी भरकम खर्च के बाद संग्रहण केन्द्रों की वस्तुस्थिति का जिम्मेदार कौन है...?

देश और प्रदेश में धान खरीदी का सौदा लाभ हानि से बढ़कर किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य और सम्मान देने का है लेकिन खराब सिस्टम के चलते आम जनता की गाढ़ी कमाई पानी की तरह बर्बाद हो रही है।

क्या इसकी जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी से इस नुकसान की भरपाई होगी या फिर यूंही आम जनता की जेबें कटती रहेगी।

छत्तीसगढ़ विज़न टी वी से 

अनिल सिन्हा रिपोर्टर

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