*कृषि अधिकारियों की गूंजती आवाज़ – नौ सूत्रीय मांगों को लेकर काली पट्टी संग करेंगे काम*
Cgvtv संवाददाता राम प्रताप सिंह की रिपोर्ट
बिलासपुर/बेलगहना...
छत्तीसगढ़ कृषि स्नातक शासकीय कृषि अधिकारी संघ अब आर-पार की लड़ाई के मूड में नज़र आ रहा है। सरकार द्वारा लगातार नौ सूत्रीय मांगों की उपेक्षा से नाराज़ संघ ने चरणबद्ध आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है।
संघ के जिला अध्यक्ष दिग्विजय सिंह क्षत्री ने जानकारी दी कि प्रांतीय बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि अब कृषि अधिकारी चुप नहीं बैठेंगे। आंदोलन की शुरुआत 8 और 9 सितंबर को काली पट्टी लगाकर कार्य करने से होगी। इसके बाद 15 सितंबर को जिला व विकासखंड स्तर पर तहसीलदार, एसडीएम और कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा। खास बात यह है कि इस दिन से अधिकारी बिना संसाधन भत्ता के ऑनलाइन कार्य पूरी तरह बंद कर देंगे।
यही नहीं, 23 सितंबर को जिलेभर के अधिकारी एक दिवसीय सांकेतिक प्रदर्शन करेंगे और रैली निकालकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेंगे।
📌 संघ की प्रमुख नौ सूत्रीय मांगें:
43 सौ ग्रेड पे के साथ वेतनमान संशोधन।
ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी और कृषि विकास अधिकारी के कार्य क्षेत्र का पुनर्निर्धारण।
मासिक स्थाई भत्ता 2500 रुपए तक बढ़ाना।
विभागीय कार्यों के लिए मोबाइल इंटरनेट, लैपटॉप, स्टेशनरी आदि हेतु संसाधन भत्ता।
अतिरिक्त प्रभार मिलने पर सम्मानजनक अतिरिक्त भत्ता।
म.प्र. शासन की तर्ज पर पदनाम परिवर्तन।
गैरविभागीय कार्यों में कृषि अधिकारियों की ड्यूटी खत्म करना।
कृषि आदान सामग्री लैम्पसों में भंडारण और डीबीटी प्रणाली लागू करना।
लंबित पदोन्नतियों को तुरंत प्रभाव से जारी करना।
आंदोलन को सफल बनाने बिल्हा ब्लॉक अध्यक्ष विजय कुमार सूर्यवंशी, मस्तूरी ब्लॉक अध्यक्ष मनोज कुमार खांडेकर, कोटा ब्लॉक अध्यक्ष कौशलचंद्र शर्मा और तखतपुर ब्लॉक अध्यक्ष असित तिर्की समेत पूरे जिले के अधिकारी पूरी ताकत झोंक रहे हैं।
कृषि अधिकारियों का साफ संदेश है – अबकी बार अनदेखी बर्दाश्त नहीं, हक़ की लड़ाई में हर कदम पर मजबूती से खड़े रहेंगे।
0 Comments