Ticker

6/recent/ticker-posts

Gariyaband: गरियाबंद पुलिस को मिली बड़ी सफलता 2 महिला सहित 3 नक्सलीयों का आत्म समर्पण*

 *गरियाबंद पुलिस को मिली बड़ी सफलता 2 महिला सहित 3 नक्सलीयों का आत्म समर्पण*


रिपोर्टर --जयविलास शर्मा 


*शासन के पुनर्वास निति और पुलिस की सक्रियता से गरियाबंद जिला नक्सल उन्मूलन की ओर 



गरियाबंद --छग का आदिवासी जिला अब नक्सलवाद उन्मुक्त की और बढ़ रहा है ये नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत शासन के पुनर्वास निति और गरियाबंद पुलिस की सक्रियता और समझाईश से सम्भव हो रहा है। नक्सलियों के आत्मसर्मपण सिलसिले में बीते कल तीन ईनामी नक्सलियों ने हथियारों सहित गरियाबंद पुलिस के समक्ष आतम समर्पण कर अपने मुख्यधारा में लौटे हैं निश्चित ही यह गरियाबंद पुलिस के लिये बड़ी कामयाबी है।लगातार पुलिस के नक्सल आपरेशन से एक तरफ नक्सलवाद का कमर टुट गया तो वहीं गरियाबंद के जंगलों में लाल फिताशाहियों का दबदबा भी कम होता प्रतित हो नज़र आ रहा है।


*दो महिला सहित 03 एक एक लाख के ईनामी नक्सलियों ने किया सरेंडर*


बीते रविवार को जिन तीन नक्सलियों ने गरियाबंद पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है उसमें दो महिला नक्सली मनीला उर्फ सुंदरी कवासी और जनी उर्फ देवे के अलावा एक पुरूष नक्सली नागेश उर्फ राम कवासी शामिल हैं।इन सभी नक्सलियों के ऊपर एक एक लाख कि इनाम था जो शासन के पुनर्वास निति और गरियाबंद पुलिस के लगातार आपरेशन और समझाईश के बाद जंगल के जिंदगी को छोड़कर अपने मुख्यधारा में लौटे आये है। पुलिस को दिये बयान के अनुसार तीनों माओवादी ने बताया पुलिस मुडभू में साथियों के मारे जाने व शासन के विकास योजनाओं से कटे होने के‌ वजह से आत्मसमर्पण किया है।


*बीजापुर और गरियाबंद के बीहड़ों में थे सक्रिय उसमें से एक पीएलजीए सदस्य*


जिन तीन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है वो बस्तर संभाग  के बीजापुर और गरियाबंद के बीहड़ों में कई वर्षों से सक्रिय थे इनमें से नागेश उर्फ राम कवासी वर्ष 2002 से माओवादी के पीएलजीए संगठन का सक्रिय सदस्य था तथा कई नक्सलियों घटनाओं में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।वहीं  मनीला उर्फ सुंदरी जुलाई 2020 से सक्रीय थी और जनी उर्फ देवे मडकम वर्ष 2016 से माओवादी संगठन का हिस्सा बनी हुती थी।


*अत्याचार शोषण हत्या और भय से मुक्त होने आत्मसमर्पण का राह*


आत्म समर्पण करने वाले नक्सलियों ने पुलिस को बताया माओवादी संगठन में महिलाओं और युवाओं का शोषण होता रहा है वहीं निर्दोष ग्रामीणों के हत्या भी व्यथा का कारण रहा है संगठन में सक्रिय रहे आत्म समर्पण करने वाले इन नक्सलियों में भय व्याप्त था और इधर सरकार  के पुनर्वास निति और गरियाबंद पुलिस की सक्रियता और समझाईश यही वजह रही  आत्म समर्पण करने की।


*अब तक 30 नक्सलीयो का पुनर्वास*


गरियाबंद जिले में नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत अब तक 30 नक्सलीयों ने आत्मसमर्पण किया है।जंगल से नक्सल वाद खात्मे की और है वहीं गरियाबंद पुलिस के लिये बड़ी कामयाबी है ।

Post a Comment

0 Comments