*सीजन से पहले सीमावर्ती क्षेत्र से आने लगा ओड़िशा का धान*
रिपोर्टर --जयविलास शर्मा
*खरीदी शुरू होने से पहले ही अवैध धान कई इलाकों में। हो रहा डम्प
गरियाबंद --धान खरीदी अभी शुरू हुयी नहीं खरीदी को एक से दो माह शेष है फिर भी उड़ीसा से धान का आमद देवभोग-अमलीपदर क्षेत्र में तेज़ी से हो रहा है है। सीमावर्ती इलाकों से रोज़ाना पिकअप और बड़े वाहनों के माध्यम से ओड़िशा का धान देवभोग और आसपास के व्यापारियों तक पहुँच रहा है।
सूत्रों की मानें तो खुटगांव चेकपोस्ट से होकर प्रतिदिन धान से भरे वाहन छत्तीसगढ़ की सीमा पार कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह धान स्थानीय गोदामों और कारोबारियों के पास जमा किया जा रहा है, ताकि जब सरकारी समर्थन मूल्य पर खरीदी शुरू हो, तब इसे स्थानीय किसानों के नाम पर खपाया जा सके।
*देवभोग-अमलीपदर क्षेत्र के सीमावर्ती गाँव के इन गांव पर प्रशासन को रखने होंगे नजर*
देवभोग ब्लाक उत्तर में ओडिशा का नुआपडा जिला दक्षिण पश्चिम में नवरंगपुर जिला और पूर्व में कालाहांडी जिला से घिरा हुआ है देवभोग के खुटगांव,केंदूवन, झाखरपारा खोखसरा निष्टीगुडा दहीगांव,बरही उसरी पानी भतराबहली दिवानमुडा सीनपाली कैंटपदर नांगलदेही धूपकोट अमलीपदर, तेतलखुटी उरमाल, गोहरापदर भरवामुड़ा, सहित दो सौ से अधिक गांव ओड़िशा के सीमावर्ती क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं यही वजह है तस्करों को धान लाने में किसी तरह की दिक्कत नहीं होती। रात के समय इन इलाकों से वाहनों की आवाजाही आम बात हो गई है। स्थानीय प्रशासन को इन सीमावर्ती गांवों में अब से नजर रखने की जरूरत है।
*अवैध तस्करी से किसानों के हक पर डाका और सायं सरकार को लगेगा चुना*
सरकार समर्थन मूल्य पर धान खरीदी करती है इस बार के असामयिक वारिश और फसल लगाने की लेट लतीफी के चलते फसल का औसत आमद 50% से कम है ऐसे में
जानकारों का कहना है कि इस तरह की अवैध तस्करी से न केवल स्थानीय किसानों के हक़ पर डाका डाला जा रहा है , बल्कि शासन की खरीदी व्यवस्था को भी प्रभावित कर रही हैं और राज्य की साय सरकार को इस वर्ष भी करोड़ों रूपये का अतिरिक्त भार लगने की संभावना है ।ऐसे में प्रशासन और खाद्य विभाग को सीमावर्ती इलाकों में सख्त निगरानी और नियमित जांच की ज़रूरत है, ताकि अंतरराज्यीय धान तस्करी पर प्रभावी रोक लगाई जा सके।
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