*डूमरपानी का प्राचीन शिव मंदिर बना आस्था का केंद्र*
*गौ माता का शिवजी को प्रणाम और दिए की रोशनी में बनते दिव्य छायाचित्र आकर्षण का केंद्र*
दुर्गूकोंदल/नरहरपुर क्षेत्र से सटे ग्राम डूमरपानी का प्राचीन शिव मंदिर आज न सिर्फ़ गांव के लिए, बल्कि आसपास के क्षेत्रों के श्रद्धालुओं के लिए भी गहरी आस्था और विश्वास का केंद्र बन चुका है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहां गौ माता प्रतिदिन साक्षात शिवलिंग को प्रणाम करती हैं। यह अनूठा दृश्य वर्ष 2019 से लगातार दिखाई दे रहा है, जो श्रद्धालुओं के लिए अलौकिक अनुभव है।प्रतिदिन सुबह-शाम यहां शिवजी की आरती होती है, जिसमें गांव और बाहर से आए बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। श्रद्धालु मानते हैं कि मंदिर में वातावरण हमेशा दिव्यता और शांति का अनुभव कराता है। खास बात यह भी है कि मंदिर में जलते दियों की रोशनी में विभिन्न छायाचित्र उभरते हैं, जिन्हें लोग दिव्य संकेत मानकर दर्शन करते हैं।श्रद्धालुओं का विश्वास है कि यहां मनोकामना पूरी होती है। मंदिर प्रांगण में स्थित हनुमान जी के मंदिर में लोग अपनी अर्जी लगाते हैं। भक्त नारियल बांधकर विवाह, संतान प्राप्ति, दुख-पीड़ा से मुक्ति जैसी इच्छाओं की पूर्ति की कामना करते हैं। ग्रामीण बताते हैं कि कोई भी श्रद्धालु यहां खाली हाथ नहीं लौटता।
शिव मंदिर के साथ-साथ हनुमान जी महाराज को संकटमोचन मानकर लोग हर कठिनाई, दुख और संकट से मुक्ति की प्रार्थना करते हैं। प्रतिदिन यहां बड़ी संख्या में लोग अपने दुख और कष्ट से छुटकारा पाने की उम्मीद लेकर आते हैं।यह मंदिर अब केवल पूजा-पाठ का स्थान नहीं, बल्कि हिंदुओं की एकता और आस्था का प्रतीक बन गया है। शाम और सुबह के समय यहां का दृश्य अद्भुत होता है, जब भक्तों की भीड़, मंदिर में बजते भजनों और आरती की धुन के बीच गूंजती हुई दिखाई देती है।स्थानीय श्रद्धालुओं का कहना है कि मंदिर में आने वाला हर व्यक्ति आत्मिक शांति और नई ऊर्जा का अनुभव करता है। गौ माता का शिवलिंग पर प्रणाम करना और दिए की रोशनी से बनने वाले छायाचित्र मंदिर की दिव्यता को और बढ़ा देते हैं।आज डूमरपानी का यह प्राचीन शिव मंदिर सिर्फ धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि आस्था, विश्वास और जनसामान्य के बीच सामूहिक आध्यात्मिक चेतना का केंद्र बन चुका है।
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