चीतल के शिकार की घटना आई सामने
बेलगहना से संवाददाता रामप्रताप सिंह की रिपोर्ट
कोटा-रतनपुर मार्ग स्थित भैसाझार नर्सरी के पास मेडरापारा के आसपास के जंगलों से चितलो का शिकार करने की घटना सामने आई है वन विकास निगम के एसडीओ ने बताया कि उन्हें उनके स्टाफ के द्वारा मोबाइल से सूचना मिली कि चीतल का मांस मेडरापारा के पास मिला है जिस पर एसडीओ ने मौके पर जाकर देखा तो एक बोरी और एक थैले में चीतल का मांस लावारिस जगह पर एक शौचालय में मिला।
बताया गया कि वहां पर किसी ने इसे छुपाया है ऐसा प्रतीत हो रहा है जिस पर डॉग स्क्वायड की मदद ली गई, तब डाग के द्वारा आसपास के दो घरों में पहुंचने से वहां हड़कंप मच गया। वन विभाग के द्वारा घर में तलाशी लेने से मांस मिला। पूछताछ करने पर पता चला की दुर्गेश और रोहित नामक व्यक्ति से घरवालों ने मांस खरीदा है तब दुर्गेश और रोहित की पतासाजी की गई पर आरोपी नहीं मिले और उनके परिजनों को संदेह के आधार पर गिरफ्तार किया गया है फिलहाल आरोपी अभी फरार है वन विकास निगम की एसडीओ भुनेश्वरी अदिति का कहना है कि फिलहाल इस पर अभी जांच जारी है किस हथियार से काटा गया कहां पर शिकार किया गया यह भी जांच का विषय है
इनके द्वारा यह भी बताया गया की भैसाझार नर्सरी के आसपास लगभग दो से ढाई सौ चितल का आना जाना यहां पर लगा रहता है और हमें समय-समय पर चितल की शिकार करने वालों के कुछ जाली वगैरा समय समय पर मिलते रहते हैं जिसे हमारे द्वारा निकलवाया जाता है इस बात से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि वन विकास निगम के मातहत अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक की लापरवाही का ही नतीजा है कि चितल के शिकार करने वालों के हौसले बुलंद हैं और आए दिन चीतल का शिकार किया जा रहा है अब देखने वाली बात यह होगी कि इन आरोपियों की गिरफ्तारी कब तक होती है और इन पर क्या कार्यवाही की जाती है या यूं ही हमेशा की तरह मामला को रफा-दफ कर दिया जाएगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
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