डोंगरगढ़ थाना प्रभारी सुरेन्द स्वर्णकार कार्यवाही के नाम पर दिखावा करने वाले में से है।
बेलगाँव दारू भट्टी सबसे बदनाम हैं।वजह मैनेजर विनोद डोंगरे।
पूर्व दारू ठेका में काम करने वाले में से हैं।अपने फायदे के लिये काम कर रहें हैं।बातये जाते है।बेलगाँव भट्टी डोंगरगढ़ के कोचियों के द्वारा डोंगरगढ़ में दारू सप्लाई की जाती हैं।जिसमें मैनेजर भट्टी में काम करने वाले लोगो की मिली भगत से ही दारू सप्लाई होती हैं।बड़े कोचियों को सहयोग देते हैं।ग्रामीण छेत्र के कोचियों को मुखबीरी करके पकड़ाते हैं।मैनेजर द्वारा डोगरगढ़ के कोचियों को बचाये जा रहा हैं।जिसमें पुलिस भी मिलीभगत हैं।
गांव गरीब को परेशान किया जा रहा हैं।बड़े दारू कोचियों को जिन्हें राजनीतिक पुलिस सहयोग प्राप्त है उन पर कार्यवाही के नाम पर कम धारा लगा के छोड़ा जा रहा हैं। कार्यवाही नहीं किया जा रहा हैं।ग्रामीण छेत्र के कोचियों पर ज्यादा सख्त दिखाई दे रहीं है पुलिस।कार्यवाही हो तो सभी के ऊपर होनी चाहिए किसी को छोड़ा जा रहा हैं।तो ये गलत हैं।सबसे पहले बेलगाँव भट्टी के मैनेजर को यहाँ से हटाना होगा तभी सुधार होगा।कार्यवाही करना हैं तो इन पर करें जो भट्टी में रहकर कोचियों को दारू दे रहें हैं।इन गरीबो से ज्यादा इन्हें दारू देने वालो पर होना चाहिए।पर ऐसा नहीं हैं।पुलिस दारू भट्टी के मैनेजर की मिलीभगत से कमजोर ग्रामीण परेशान हो रहा हैं।
छत्तीसगढ़ विज़न टी वी से
हरिश सिन्हा की रिपोट
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