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Pithora: छिबर्रा विद्यालय में वार्षिकोत्सव धूमधाम से मनाया गया, उत्कृष्ट बच्चों को किया गया सम्मान

 संवाददाता/ राजा बाबू उपाध्याय



छिबर्रा विद्यालय में वार्षिकोत्सव धूमधाम से मनाया गया, उत्कृष्ट बच्चों को किया गया सम्मान




*पिथौरा* /शहीद नोहर सिंह ठाकुर हायर सेकंडरी स्कूल छिबर्रा का वार्षिकोत्सव धूमधाम से मनाया गया। वार्षिकोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम 74 प्रतिभागी छात्राओं की सामुहिक डांस, पंथी नृत्य, बस्तरीहा डांस की प्रस्तुतियां आकर्षण का केंद्र रहीं। बच्चों ने सरस्वती वंदना, धार्मिक कार्यक्रम, देशभक्ति नृत्य आदि प्रस्तुति दी।छात्र-छात्राओं ने तमाम सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे ऐसा देश है मेरा, फिर भी दिल है हिदुस्तानी, समावेशी शिक्षा समेत तमाम देश भक्ति गीत, दहेज प्रथा में दहेज लोभियों को सबक सिखाने, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ को नाटक रूप में प्रदर्शित किया तथा जजमेंट टेकराम निषाद, लक्ष्मण सिन्हा, भानूमती पटेल ने किया। साथ ही गांव के सक्रिय महिलाओ व छत्तीसगढ़ीया ओलंपिक में पंचायत, जोन, ब्लाक, जिला, संभाग व राज्य स्तरीय विजेताओं का युवा मितान क्लब द्वारा शील्ड मेडल  से सम्मानित किया गया।


वार्षिकोत्सव का शुभारंभ मुख्य अतिथि कलपराम पटेल, सरपंच मथुरा प्रसाद पटेल, सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारिका पटेल, विकासखण्ड साक्षारता परियोजना अधिकारी एफ ए नंद, विकासखण्ड साक्षारता नोडल अधिकारी अरूण देवता ने किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि कलपराम पटेल ने कहा कि बच्चे देश का गौरव हैं, इन्हें जैसी शिक्षा देंगे वैसा देश, समाज बनेगा। बच्चे देश की शान हैं। बच्चों के मन में किसी प्रकार का छल कपट नहीं होता। 


श्याम सेन ने कहा शिक्षा के साथ साथ  जीवन में सांस्कृतिक कार्यक्रम खेल कूद का भी बहुत महत्व है। बात करे कला जगत कि तो ममता चंद्राकर, अनूज शर्मा, राधेश्याम बारले, उषा बारले, आदि पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित है। वो वही पंडवानी गायिका तीजन बाई पद्मश्री, पद्म भूषण, पद्म विभूषण से सम्मानित है तो वो सिर्फ कला जगत में है। इसलिए अभिभावकों को पढ़ाई के साथ ही बच्चों को सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेल व अन्य कलात्मक कार्य करने की छूट देनी चहिए। तभी बच्चों का सर्वागीण विकास हो सकेगा। कार्यक्रम को विकासखण्ड साक्षारता परियोजना अधिकारी एफ ए नंद, पत्रकार संतोष गुप्ता, गायत्री यादव, ने भी संबोधित किया। 

सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारिका पटेल ने कहा कि विद्यालय में सांस्कृतिक गतिविधियों से छात्रों में सामाजिकता, नेतृत्व गुण, सहनशीलता, एकता और आपसी भाईचारे की भावनाएं विकसित होती हैं। इस प्रकार के कार्यक्रमों से छात्रों में अनुशासन, सामंजस्य की भावना, आत्मविश्वास और विभिन्न कौशलों का विकास होता है। बी आर सी अतुल प्रधान  ने कहा कि अपनी परंपरा एवं संस्कृति के संवर्धन हेतु सांस्कृतिक कार्यक्रम बहुत जरूरी हैं। छात्रों को पढ़ाई के अतिरिक्त खेलकूद एवं अन्य शैक्षिक गतिवधियों में बढ़-चढ़ कर भाग लेना चाहिए।

कार्यक्रम में शाला विकास समिति अध्यक्ष टेकराम निर्मलकर, उपसरपंच देवसिंह मार्कंडेय, शत्रुघन सिन्हा, प्रितम उइके, प्राचार्य रामकुमार नायक, टीकाराम नायक, विनोद खलखो, राजेन्द्र नंद, खेमप्रसाद पटेल, चंद्रशेखर पटेल, डुलेश्वर सिन्हा, राजेन्द्र मार्कंडेय, श्रीमती भानूमती पटेल, चंद्रकला पटेल, कृष्णा राजपूत, बबिता पटेल, किरन पटेल सहित अन्य ग्रामवासी उपस्थित रहे।

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