*महेन्द्र कुमार खांडे/सक्ति/25/02/2023/*
*नाबालिक किशोरी से दुष्कर्म के आरोपी को 20 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा*
फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश यशवंत सारथी का निर्णय*
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शक्ति . फास्ट ट्रैक कोर्ट शक्ति के विशेष न्यायाधीश यशवंत कुमार सारथी ने 14 - 15 वर्ष की नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म के मामले में अभियुक्त के विरुद्ध आरोपित अपराध दोष सिद्ध पाए जाने पर आरोपी को 20 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा एवं अर्थदंड से दंडित करने का निर्णय पारित किया है। विशेष लोक अभियोजक राकेश महंत ने बताया कि 14 वर्ष की नाबालिक अभियोक्त्री को अभियुक्त पसंद करता हूं प्यार करता हूं शादी कर अपने साथ रखूंगा बोलकर बहला-फुसलाकर खेत में बुलाया और उसके मना करने के बाद भी अभियुक्त नाबालिग बालिका के माता-पिता को जान से मारने की धमकी देकर नाबालिग बालिका के साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया । उसके पश्चात लगभग 1 साल तक बीच-बीच में खेत व अन्य स्थानों में नाबालिग बालिका को बुलाकर उसके साथ कई बार जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाया । नाबालिग बालिका ने हिम्मत जुटाकर घटना को अपने माता-पिता को बतायी । तत्पश्चात अपने माता पिता के साथ पुलिस थाना जाकर अभियुक्त के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करायी । थाना द्वारा अभियुक्त के खिलाफ त्वरित अपराध पंजीबद्ध किया गया एवं अभियुक्त को गिरफ्तार कर न्यायिक न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया तथा विवेचना उपरांत भारतीय दंड संहिता की धारा 376 की उप धारा - 2 (झ ) (ढ ),506 भाग - 2 एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 के तहत अभियोग पत्र विशेष न्यायालय फास्ट ट्रेक कोर्ट (पोक्सो एक्ट) शक्ति में पेश किया ।
प्रकरण में अभियोजन द्वारा सभी महत्वपूर्ण 14 साक्षी को न्यायालय में परीक्षण कराया गया। विशेष न्यायालय शक्ति ने उभय पक्षों को पर्याप्त समय अपने पक्ष रखने के लिए देने के पश्चात तथा अभियोजन एवं अभियुक्त पक्ष के अंतिम तर्क श्रवण करने तथा संपूर्ण विचारण पूर्ण होने के पश्चात न्यायालय द्वारा निर्णय पारित किया गया। अभियोजन द्वारा अभियुक्त के विरुद्ध आरोपित अपराध संदेह से परे प्रमाणित कर दिए जाने से अभियुक्त विक्रम कुमार चौहान पिता लल्लू सिंह चौहान उम्र 20 वर्ष थाना डभरा जिला जांजगीर चांपा को विशेष न्यायाधीश यशवंत कुमार सारथी द्वारा सिद्ध दोष पाए जाने पर दोष सिद्ध घोषित किया गया है ।अभियुक्त को भारतीय दंड संहिता की धारा 506 भाग- 2 के अपराध के लिए 1वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹1000 का अर्थदंड तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 6 के अपराध के लिए 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹10000 के अर्थदंड से दंडित किया गया है। अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक राकेश महंत ने किया ।
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