*पूज्य स्वामी श्री शिवानंद जी महाराज का कालीग्राम आश्रम में मंगलमय पदार्पण*
संवाददाता राम प्रताप सिंह की खास रिपोर्ट.........
चैत्र नवरात्रि की अष्टमी को संध्या काल 4.00 बजे पूज्य श्री श्री 108 श्री स्वामी शिवानंद जी महाराज का आध्यात्म क्षेत्र गणेशपुरी कारीआम आश्रम में मंगलमय पदार्पण होने पर श्री सेवा समिति एवं श्रद्धालु भक्तो द्वारा हरी संकीर्तन के साथ स्वामी जी का स्वागत किया गया।पूज्य स्वामी जी के सानिध्य में गणेशपुरी कारीआम आश्रम में अष्टमी तिथि को हवन एवं कन्या भोज कराया गया, साथ ही गोड़ समाज द्वारा संकल्पित लक्ष्मी नारायण मंदिर का स्वामी जी के करकमलों द्वारा भूमि पूजन किया गया। कारीआम आश्रम की बात की जाय तो यह बिलासपुर जिले के गौरेला ब्लाक प्राचीन काल के भारत के दक्षिण पथ (बद्रीनाथ से रामेश्वरम ) पथ पर कालीग्राम स्थित है। यहां पर शक्ति के मूल केंद्र के रूप में निराकार काली सृष्टि के समय से ही विराजित है।गुप्तवंश के शासन काल (छठवीं शताब्दी में यहां सिरपुर के महारानी के द्वारा काली मंदिर का निर्माण मूर्ति स्थापना की गई थी।कल्चुरी शासन काल में ग्यारहवीं शताब्दी में उनके जमीदार पेंड्रा के द्वारा काली की मूर्ति को ले जाकर अपने गढ़ पेंड्रा में स्थापित कर दी गई।और इसी स्थान को कालीग्राम के नाम जानने लगे ।अभी वर्तमान में पूज्य स्वामी श्री शिवानंद जी महाराज के सानिध्य में इस आश्रम को संचालित किया जा रहा है।पूज्य स्वामी श्री सदानंद जी महाराज की प्रेरणा से यहां काली के संपूर्ण शक्तियों (दस महाविद्या) की स्थापना की गई है तथा उनके साथ दस महाविधेश्वर की स्थापना की गई है।स्वामी श्री सदानंद जी महाराज के बनाऐ हुऐ परंपरा नवधा रामायण भक्ति का आयोजन विगत 41वर्षो से चली आ रही है।स्वामी श्री शिवानंद जी महाराज ने अपने उद्बोधन में कहा की यहां जो भी आस्था लेकर आता है उसकी मनोकामना जरूर पूरी हो होती है। स्वामी जी ने कहा कि मां काली आत्म रूप में इस छत्तीसगढ़ में विराजमान है और शरीर रूप में कलकत्ते में इस लिए हमे उस आत्म स्वरूप मां काली की पूजा अर्चना करते रहना चाहिए।इस आयोजन में बहुत बहुत से भक्त लोग आए हुऐ थे।सभी श्रद्धालू भक्त मां काली और स्वामी जी से आशीर्वाद प्राप्त किए।श्री सेवा समिति एवं सभी ग्रामवासियों द्वारा पूरे नौ दिनों तक भंडारे का आयोजन किया गया।
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