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Rajnandgaon: धान खरीदी का 80% भुगतान केंद्र सरकार करती है और कांग्रेस धान खरीदी को लेकर बड़ी-बड़ी डींगे हांकती है : गीता घासी साहू ***

 *धान खरीदी का 80% भुगतान केंद्र सरकार करती है और कांग्रेस धान खरीदी को लेकर बड़ी-बड़ी डींगे हांकती है  : गीता घासी साहू ***


*केंद्र सरकार किसानो की धान खरीदी से लेकर उसके बारदाने,सुतली,हमाली, परिवहन सभी का खर्च स्वयं वहन करती है **



भाजपा नेत्री व राजनांदगांव  जिला पंचायत अध्यक्ष गीता घासी साहू  ने कहा है कि धान खरीदी के नाम पर प्रदेश की कांग्रेस  सरकार अपनी वाहवाही बता रही है। जबकि, धान खरीदी में केंद्र सरकार जो समर्थन मूल्य किसानों को देती है उसके अतिरिक्त किसानों के धान

के परिवहन, बरदाने की व्यवस्था, सिलाई के लिए सुतली, और हमाली का पैसा भी केन्द्र सरकार देती है। उन्होंने कहा कि धान खरीदी में प्रदेश सरकार भूमिका एक एजेंसी की तरह होती है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार खरीदी को लेकर हमेशा गलत बयानबाजी करती रहती हैं।अध्यक्ष श्री मती गीता साहू ने आगे  कहा कि केंद्र सरकार किसानों को धान खरीदी करने के बाद एकमुश्त जो समर्थन मूल्य की कीमत है वह किसानों को देती है। गत वर्ष केंद्र सरकार ने धान का परिवहन के लिए 300 करोड़, बारदाना के लिए 1000 करोड़, की सिलाई आदि के लिए 136 करोड़, और लगभग 1000 करोड़ मंडी टैक्स भी देती है मतलब धान खरीदी के भुगतान का लगभग पूरा हिस्सा केंद्र सरकार ही देती है। उस पर भी धान राज्य सरकार किसानों को सच्चाई से दूर रख कर मात्र कुछ पैसे देकर झूठा श्रेय लेती है। केंद्र द्वारा इतने पैसे देने के बावजूद राज्य सरकार हजारों करोड़ रुपए उधार लेती है। छत्तीसगढ़ में सारे विकास के कार्य ठप हैं। फिर उधार का वह पैसा कहां जाता है, किसी को पता नहीं।

गीता घासी साहू जिलापंअध्यक्ष ने आगे कहा कि  राज्य सरकार के खाद्य मंत्री ने खुद विधानसभा में स्वीकार किया है कि धान खरीदी में केंद्र सरकार 80% से ज्यादा राशि देती है। खाद्य मंत्री ने विधानसभा में एक प्रश्न के उत्तर में जवाब दिया था कि केंद्र सरकार ने धान खरीदी का 51 हजार 563 करोड़ रुपए दिया है। वहीं राज्य सरकार ने मात्र 11,148 करोड़ रुपए ही दिया है।

गीताघासी साहू ने कहा कि आगामी मानसून सत्र में राज्य सरकार को एक श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। इसमें बताना चाहिए कि प्रदेश सरकार ने कितना धान खरीदा है। इसके साथ ही जो धान खरीदा वो कहां रखा है।  धान खरीदी के लिए पैसे कहां से आए हैं। यदि कर्जा लिया तो वह कर्ज कितना चुकाया। इन तमाम जानकारियों को श्वेत पत्र के माध्यम से जनता के सामने रखना चाहिए।

छत्तीसगढ़ विजन टी वी से

अनिल सिन्हा रिपोर्ट

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