*नाबालिक किशोरी से दुष्कर्म के आरोपी को 20 वर्ष की सश्रम कारावास एवं अर्थदंड की सजा*
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*फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश यशवंत सारथी का निर्णय*
शक्ति ( समाचार) फास्ट ट्रैक कोर्ट शक्ति के विशेष न्यायाधीश यशवंत कुमार सारथी ने नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म के मामले में अभियुक्त के विरुद्ध आरोपित अपराध दोष सिद्ध पाए जाने पर 19 वर्षीय आरोपी को 20 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा एवं अर्थदंड से दंडित करने का निर्णय पारित किया है। विशेष लोक अभियोजक राकेश महंत ने बताया कि 16 वर्ष 8 माह की नाबालिक अभियोक्त्री को जब वह सवेरे 7:30 बजे अपने साइकिल से स्कूल पढ़ने जा रही थी तो अभियुक्त स्कूल के बाउंड्री के पास अपना मोटरसाइकिल लेकर खड़ा हुआ था और नाबालिग बालिका को देखकर उसके हाथ को खींच कर चलो मेरे साथ कह कर अपने मोटरसाइकिल में बैठा लिया और खरसिया रेलवे स्टेशन ले गया और वहां से ट्रेन में बिठाकर चंडीगढ़ ले गया जहां किराए के मकान लेकर 3 माह 8 - 10 दिन तक आरोपी अपने साथ रखा हुआ था और उसके साथ कई बार जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाया था। घटना के दिन नाबालिग बालिका जब दोपहर 1:30 बजे तक स्कूल से घर वापस नहीं आई तो उसके परिजन नाबालिग बालिका के सहेलियों से पूछताछ किए तो उन्होंने बताया कि घटना दिवस को पीड़िता स्कूल पढ़ने नहीं आई थी । उसके बाद नाबालिग बालिका के परिजन आसपास खोजबीन एवं अपने रिश्तेदारों में पता तलाश किए । नहीं मिलने पर नाबालिग पीड़िता के पिता ने आरोपी के खिलाफ अपनी नाबालिग पुत्री को बहला-फुसलाकर भगा कर ले जाने की थाना डभरा में रिपोर्ट दर्ज कराया । जिस पर आरोपी के विरुद्ध अपराध क्रमांक 354 / 2022 धारा 363 भारतीय दंड संहिता पंजीबद्ध किया गया। विवेचना के दौरान तीन महीने पश्चात चंडीगढ़ से आरोपी के कब्जे से नाबालिग बालिका को बरामद कर वापस थाना डभरा लाया गया तथा अभियुक्त को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया एवं संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियुक्त के खिलाफ धारा 363 ,366 ,376 भारतीय दंड संहिता एवं धारा 4 , 6 पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत अभियुक्त के खिलाफ अभियोग पत्र तैयार विशेष न्यायालय शक्ति में पेश किया गया था । विशेष न्यायालय शक्ति ने उभय पक्षों को पर्याप्त समय अपने पक्ष रखने के लिए देने के पश्चात तथा अभियोजन एवं अभियुक्त पक्ष के अंतिम तर्क श्रवण करने तथा संपूर्ण विचारण पूर्ण होने के पश्चात न्यायालय द्वारा निर्णय पारित किया गया। अभियोजन द्वारा अभियुक्त के विरुद्ध आरोपित अपराध संदेह से परे प्रमाणित कर दिए जाने से अभियुक्त यादराम मैत्री पिता हुलस राम मैत्री उम्र 19 वर्ष निवासी थाना डभरा जिला शक्ति को विशेष न्यायाधीश यशवंत कुमार सारथी द्वारा सिद्ध दोष पाए जाने पर दोष सिद्ध घोषित किया गया तथा अभियुक्त को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 06 के अपराध के लिए 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹ 10,000 के अर्थदंड से एवं धारा 363 भारतीय दंड संहिता के अपराध के लिए 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹1000 के अर्थदंड तथा धारा 366 भारतीय दंड संहिता के अपराध के लिए 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹1000 के अर्थदंड से दंडित किया गया है ।अभियोजन की ओर से पैरवी राकेश महंत ने किया ।
*छत्तीसगढ़ विजन टीवी सक्ति से ब्यूरो हेड महेंद्र कुमार खांडे के साथ जितेंद्र पटेल की रिपोर्ट*
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