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Surajpur: सूरजपुर मे अवैध रेत की परिवहन धडल्ले से जारी , खनिज विभाग चहेतों पर मेहरबान

 *सूरजपुर मे अवैध रेत की परिवहन  धडल्ले से जारी , खनिज विभाग चहेतों पर मेहरबान


*मो0 रमीज राजा सूरजपुर*


*कार्यवाही के नाम पर विभाग के बड़े अधिकारी कर रहे हैं खानापूर्ति*


*चहेतों को लाभ पहुंचाने की कोशिश*



*सूरजपुर*. जिले में अवैध रेत उत्खनन व परिवहन पर खनिज अधिकारी इन दिनों खुब मेहरबान है . जानकारी के मुताबिक सूरजपुर के खड़गावा ,जयनगर ,बिश्रामपुर ,राजापुर और करंजी रोड़ मे अवैध रेत उत्खनन की गाड़िया बेलगाम दौड़ रही हैं . लेकिन विभाग के बड़े अधिकारी की मेहरबानी से इनपर पुलिस भी कभी कार्रवाई नहीं करती हैं . सूत्रों की माने तो विभाग के जिम्मेदार इनके उपर कार्रवाई करने से हमेशा बचतें है . जिले में अवैध रेत परिहवन की कार्रवाई करने खनिज अधिकारी निकलते भी हैं तो उससे पहले अपने चहेतों को सूचना पहुंचवा देते हैं जिससे कि कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति करने का कालम पूरा किया जा  सके और अपने चहेतों को कार्रवाई से बचा सके. 

बीते कुछ महीनों की बात करें तो जिले के तत्कालीन खनिज अधिकारी की तबादले के बाद से ऐसे कई रेत घाट का अवैध तरीकों से संचालन हो रहा है .जिनके खनिज अधिकारी से अच्छे संबंध है . यही वजह है की अब तक ऐसे किसी रेत घाटों पर कार्रवाई नहीं हुई .मीडिया दबाव में कभी कार्रवाई हुई भी तो स्थानीय छोटी गाड़ियों पर कर्रवाई कर खानापूर्ति किया जाता है. जिसका प्रतीक हैं की आज भी NGT लगें होने के बावजूद गाड़ियां रेत लेकर धडल्ले से सड़क पर दौड़ रही हैं . 

जिले के जयनगर ,राजापुर, खड़गावा में अवैध रेत उत्खनन खुब हो रहा है.  इसके लिए रेत माफिया छोटी गाड़ियों से 400-500 रुपये ट्रीप के हिसाब से खुब वसूल भी रहे हैं .इसके बावजूद इन माफियाओं पर कार्रवाई करने के बजाय जिले के खनिज अधिकारी के द्वारा चहेतों के इसारे पर कुछ गाड़ियों पर कार्रवाई होने की बात सामने आ रही हैं .


*रेत माफियाओं को संरक्षण*

अवैध रेत उत्खनन को लेकर जिले के कोई आम आदमी जिले के अधिकारी से शिकायत उनके फोन पर करना चाहें तो फोन रिसीव कभी नहीं होता हैं . यही वजह है की जिले में संचालित अवैध व वैध रेत घाटों से ग्रामीण भी पूरी तरह से अवगत नहीं हो पाते हैं . जिसका सीधे सीधे रेत माफिया को संरक्षण मिलता दिख रहा है . 


*चिंहित रेत घाट से ही अवैध परीवहन जरूरी*

सूत्रों की माने तो रेत माफिया खनिज अधिकारी के दफ्तर में भी अधिकतर दिखाई देते है . बताया जा रहा है कि यह माफिया इसलिए यहां आते है की जिले में हो रहे रेत परिवहन वाली गाड़ियां इनके चिन्हित रेत घाट से रेत का उठाव नहीं करते हैं .इसलिए ऐसे गाड़ियों का चिंहित कराते हैं ताकि उन  रेत परीवहन करने वाली गाड़ियों पर कार्रवाई कराकर डर बनाया जा सके .जिससे की अवैध रेत का तस्करी चिंहित रेत घाटों से हो सके. जिससे की खनिज अधिकारी के चहेतों का कारोबार में बढ़ोतरी हो .


*सक्रियता ऐसी की लोवर पैंट पर सड़क पर आ जाते हैं खनिज अधिकारी*


सूत्रों की माने तो चिंहित रेत परिवहन पर कार्रवाई करने के लिए खनिज अधिकारी में इतनी सक्रियता बढ़ जाती है कि छुट्टी के दिन होने के बाद भी अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए लोवर और टी-शर्ट पर निकल जाते है .जिससे की उन गाड़ियों पर कार्रवाई हो सके जिन्हें रेत माफिया चिंहित कराए है .


*चहेतों के ईसारे पर कार्रवाई, शहर में होती हैं रेतों के दामों में बढ़ोतरी*


जानकारी के मुताबिक चहेतों के ईसारे पर जब जब कुछ गाड़ियों पर कार्रवाई होती हैं रेत माफिया शहर में रेत के दामों में बढ़ोतरी कर देते है . 10 दिन पूर्व अंबिकापुर में रेत 3000रूपये 200फीट की गाड़ी बिक रहा था लेकिन जैसे ही कुछ गाड़ियों पर कार्रवाई हुई तो रेत रेत माफिया मूल्य में वृद्धि कर अब 4500 से 5000 हजार रुपये 200फीट कर दिए .जिससे यह साफ होता है कि अपने चहेतों को लाभ पहुचाने के लिए सीधे सीधे कुछ गाड़ियों पर कार्रवाई की जाती हैं .


*फोन रिसीव नहीं करते खनिज अधिकारी*


हमेशा की तरह उनके मोबाइल फोन पर इस बारे में जानने की कोशिश की गई लेकिन जिला खनिज अधिकारी फोन कट कर दिए. एक जिम्मेदार अधिकारी के द्वारा फोन रिसीव नहीं करना भी कई सवाल को जन्म दे रहा है .

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