*टेमरा में जमान्ध परीक्षित महाराज के भागवत कथा का पुन्नी के दिन हुआ समापन*
*7 दिनो में हुए 50 घंटे के पाठ में 12 स्कंध के 18000 स्लोक कंठस्थ पाठ
*देवभोग*---
टेमरा ग्राम में विगत 18 फरवरी से भागवत सप्ताह व पुन्नी स्नान अखंड द्वीप प्रज्वलन का आयोजन किया गया था।सप्ताह भर चले इस धार्मिक अनुष्ठान में रोजाना 7 घंटे भागवत कथा का वाचन किया जाता था।भक्तिमय संगीत व जीवंत झाकियों के साथ ही कथा वाचक पंडित परीक्षित महाराज स्वयं आकर्षण व श्रद्धा का केंद्र बने हुए थे। ओडिसा के बलांगिर में रहने वाले कथावाचक जन्म से अंधे हैं।बावजूद उसके कथा वाचक ने कई सामाजिक व समसामयिक उदाहरण के साथ 49 घंटे में 18 हजार श्लोक का वाचन किया,ब्यास पीठ में भागवत पुराण नही था,केवल पूजन स्थान पर रखा गया था,भगवान के जन्म से लेकर महापुराण में उल्लेख उनके प्रत्येक लिलाओ का वर्णन भाव अनुरूप करते रहा।रोजाना सैकड़ों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालु उनके कंठस्थ कथा वाचन सुन कर भाव विभोर हुए।संगीत कला में भी पारंगत महाराज ने हिंदी के अलावा, उड़िया,संस्कृत,पंजाबी और छत्तीसगढ़ी भाषा में दी गई धार्मिक गीतो की प्रस्तुति से श्रोता भी झूमने लगे।कथा के अंतिम दिन परीक्षित महाराज ने भगवान कृष्ण के बैकुंठ वास के प्रसंग को बताया,सुखदेव को स्वयं कृष्ण बताते हुए भागवत के एक एक शब्द में भगवान वास होने की बात कही।महाराज बोले कथा श्रवण से पुण्य मिलता है लेकिन कथा को आत्मसात करने से जीवन सफल हो जाता है।महाराज परीक्षित अपने जनमांध होने के बावजूद भगवान के श्री चरणों में रहकर भागवत को आत्मसात करने के कारण किस तरह सफल व सुखी जीवन जी रहे है उदाहरण देकर समझाया।वही कथावाचक परीक्षित महाराज बोले भागवत के हर शब्द में कृष्ण का नाम है इसे सुनकर आत्मसात किये तोभवसागर पार हो जाओगे।
*40 व्रती जोड़ें भागवत परायण के बने थे यजमान*
टेमरा में ब्राम्हण समाज द्वारा आयोजित भागवत परायण में 40 जोडों ने व्रत धारण कर यजमानी निभाया।पिछले सप्ताह भर से जोड़ों ने कथा का श्रवण किया वहीं भागवत कथा सुनने क्षेत्र भर के सैकड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी तथा इस आयोजन से क्षेत्र भक्तिमय हो गया था।
फोटो_ कथा वाचन करते महाराज परीक्षित
फोटो_झूमते श्रोता गण
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