*आम के वृक्षों में नजर आ रहे मौर और फूल अच्छी पैदावार की संकेत*
दुर्गुकोंदल। फलों के राजा आम की फसल ने बगीचे मालिक के चेहरों पर रौनक बिखेर दी है। इस साल वसंत ऋतु के आगमन के साथ ही आम के देसी व अन्य प्रजातियों के पेड़ों में मौर आ गए हैं। पेड़ों में फल के लदान और मौर को देखकर किसान इस बार अंदाजा लगा रहा है कि फसल से मोटा मुनाफा कमाया जा सकेगा।
बसंत ऋतु के आगमन के साथ ही आम के वृक्षों में नजर आ रहे मौर फूल अच्छी पैदावार का संकेत दे रहे हैं, लेकिन जरूरी है कि इन फल और मौर को झडने से रोका जाए। मार्च के अंत तक लोगों को बाजार में देशी कच्चे आम मिलना शुरू हो जाएंगे। मौसम के उतार चढ़ाव के कारण इस बार आम के वृक्ष में मौर समय से एक माह पहले आना शुरू हो गया,चूंकि वर्तमान में मौसम अनुकूल है। ऐसे में आम की अच्छी पैदावार की संभावना बन रही है।आम की अच्छी पैदावार के लिए उसकी तीन अवस्थाओं फूल,दाना और टिकोरा पर विशेष ध्यान रखना जरूरी होता है। इस साल अनुकूल परिस्थितियों के चलते आम की अच्छी पैदावार होने की संभावना है।
योगाचार्य संजय वस्त्रकार ने जानकारी दिया कि मैंगिफ़ेरा इंडिका, मैंगो या आम, आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण फल माना जाता है। यह जीनस मैंगिफ़ेरा और एनाकार्डियासी परिवार से संबंधित है जिसकी 30 विभिन्न प्रजातियां होती हैं।इसमें फाइबर, विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सिडेंट जैसे कि मैंगिफ़ेरिन और ग्लूकोसिल ज़ैंथोन भरपूर मात्रा में होते हैं।आम (मैंगो) मोटापे (ओबेसिटी) से पीड़ित लोगों में वज़न कम करने में मदद कर सकता है।
कैरोटीन का एक अच्छा स्रोत होने के नाते, यह नज़र में सुधार करने में मदद कर सकता है।एमाइलेज मौजूद होने के कारण यह पाचन शक्ति में सुधार करने में मदद कर सकता है।विटामिन A और C मौजूद होने के कारण यह प्रतिरक्षा (इम्युनिटी) बढ़ाने में मदद कर सकता है।
यह आपके शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल (हाई-डेंसिटी लिपोप्रोटीन) के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकता है।इसमे प्रकाशुक चित्रक, अम्ल तत्व (Acidic nature) और आयरन होता है, जो लवण और अक्यानुसंधान को कम करके आपके शरीर को संतुलित बनाता है साथ ही वसा को आपके शरीर से हटाकर, फिट और स्वस्थ शरीर के लिए मदद करता है।कच्चे आम का सेवन करने से लीवर मजबूत होता है।गर्मियों में शरीर में पानी की आपूर्ति के लिए भी कच्चे आम का सेवन किया जा सकता है।ऐसे अनेक फायदे है तो कुछ नुकसान भी है।
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