*लुप्त होती मातृभाषा को बचाने पेड़ावरी में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया गया*
- दुर्गुकोंदल ।भाषाई विविधता के महत्व को समझाने के लिए वर्ष 2000 से यूनेस्को द्वारा दुनिया भर में मातृभाषा दिवस का आयोजन किया जा रहा है इस दिवस को मनाये जाने की घोंषणा 17 नवंबर 1999 को की गई थी।21 फरवरी को मातृभाषा दिवस के रूप मनाने का विचार कनाडा में रहने वाले बंगला देशी रफीकुल इस्लाम द्वारा सुझाया गया था।इस पहल का उद्देश्य विश्व के विभिन्न क्षेत्रों की विविध संस्कृति और बौद्धक विरासत की रक्षा तथा मातृभाषा का संरक्षण एवं उन्हें बढ़ावा देना है।इसी तारतम्य में शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय पेड़ावरी विकास खण्ड दुर्गूकोंदल में भाषाचार्य एवं अध्यक्ष गोंडी भाषा मानकीकरण समिति छत्तीसगढ़ श्री शेर सिंह आचला जी की मुख्यातिथिय में सम्पन्न हुई ,आचला जी अपने उद्बोधन में बस्तर से लुप्त होती विभिन्न मातृभाषा पर चिंता जताते हुए मातृभाषा के महत्व को समझाने का प्रयास किया गया। स्थानीय गोंडी,हल्बी बोली में बच्चों द्वारा गीत, भाषण, कविता प्रस्तुत की गई। जिन्हें प्रोत्साहित करने पुरस्कृत भी किया गया जो इस प्रकार है गोंडी में भाषण नरेश कुमार कक्षा 04 थी, गोंडी गीत रोहित कुमार,संजीत कुमार कक्षा 05वी, भाषण कु.सुमन, छत्तीसगढ़ी कविता कुमारी जयंती, अंग्रेजी कविता शाहिल, भाषण पुनिता कक्षा6 वी। इस अवसर पर पारस उसेंडी(सचिव गोंडी भाषा मानकीकरण छत्तीसगढ़ ), श्री सुरेश कोवाची अध्यक्ष शाला सुरक्षा समिति,उदेराम भुआर्य ब्याख्याता, ललित नरेटी (प्रदेश उपाध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज युवा प्रभाग),अनिल पुड़ो, शांति गावड़े शिक्षिका, पुनिता भुआर्य शिक्षिका , हेमलता कोरेटी शिक्षिका, यमुना करसालिया शिक्षिका ,सुरेश कुलदीप, सोमनाथ कोरेटी उपस्थित थे । कार्यक्रम का संचालन निर्भय कोवाची प्रधान अध्यापक द्वारा किया गया।
0 Comments