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Balod: छत्तीसगढ़ बना गौ तस्करों का गढ़, "मुझे भी गिरफ्तार करो, मैं हूं गौ रक्षक " के नारे के साथ बजरंगियों ने किया रायपुर सिटी कोतवाली का घेराव

लोकेशन बालोद 

संजय कुमार


छत्तीसगढ़ बना  गौ तस्करों का गढ़, "मुझे भी गिरफ्तार करो, मैं हूं गौ रक्षक " के नारे के साथ बजरंगियों ने किया रायपुर सिटी कोतवाली का घेराव


बालोद जिले के बजरंगियों ने भी किया रायपुर जाकर प्रदर्शन, आधी रात तक थाने के सामने डटे रहे 



बालोद/ गुण्डरदेही। रायपुर सिटी कोतवाली का बुधवार को छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्र से पहुंचे विश्व हिंदू परिषद और बजरंगियों ने घेराव किया। 

इसमें बालोद जिले की भी भागीदारी रही। जिसमें बालोद के पदाधिकारी सहित गुण्डरदेही प्रखंड से बजरंगी साथी पहुंचे हुए थे। छत्तीसगढ़ बना ,  

गौ तस्करों का गढ़, मुझे भी गिरफ्तार करो मैं हूं गौ रक्षक,,, जय श्री राम,,, इस नारे के साथ सभी ने जमकर प्रदर्शन किया। बारिश भी उनके प्रदर्शन को नहीं रोक पाई। बुधवार गुरुवार की मध्य रात्रि तक सभी धरना प्रदर्शन करते हुए सिटी कोतवाली के सामने बैठे रहे। उप मुख्यमंत्री अरुण साव द्वारा मामले में निष्पक्ष जांच और अच्छा से अच्छा कार्यवाही करने के आश्वासन के बाद धरना समाप्त किया गया। इस तरह बजरंगदल का जेल भरो आंदोलन में बजरंगियो की जीत हुई। पुलिस प्रसासन द्वारा गौ रक्षकों को गौ तस्करो के हत्या के  झूठे आरोप में फसा कर गिरफ्तारी के विरोध में व कुछ दिन पूर्व बलरामपुर में हुए बजरंग दल  गौ रक्षा प्रमुख की हत्या के विरोध में  समस्त हिन्दू समाज बजरंग दल द्वारा सदर बाजार रायपुर  नगर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में जेल भरो आंदोलन में पूरे छत्तीसगढ़ से बजरंगदल के कार्यकर्ता रायपुर पहुँचे थे। जिसमे गुंडरदेही प्रखंड से भी बजरंगदल के कार्यकर्ताओ ने अपनी भी गिरफ्तारी देने पहुंचे।बालोद जिला से 90 बजरंगी रायपुर पहुंचे थे। जिसमें बालोद ज़िला  उमेश कुमार सेन  बजरंग दल बालोद जिला के साथ ज़िला स्वप्निल शर्मा , पंकज साहू ,  पुखराज देशमुख , विरेंद्र साहू  गौ सेवा मीनू राम यादव  बोधान भाट एवं अन्य  सैकड़ों कार्यकर्ता ने  सिटी कोतवाली का घेराव कर चौक में चक्का जाम कर दिया गया। शाम को बारिश होने के बावजूद रात 11 बजे तक कार्यकर्ता अपने जगह पर डटें रहे। आधी रात में छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरुण साव खुद उपस्थित हो कर आश्वासन दिए और जल्द ही न्यायपूर्वक जांच के बाद ही फैसला लेने की बात कही तब जा कर आंदोलन ख़त्म किया गया।

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