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Durgkondal: आदिवासी हल्बा समाज ने मनाया रानी दुर्गावती का बलिदान दिवस*

*आदिवासी हल्बा समाज ने मनाया रानी दुर्गावती का बलिदान दिवस* 




दुर्गूकोंदल | दुर्गूकोंदल ब्लॉक आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है ब्लॉक में गोंड, हल्बा जैसे अन्य आदिवासी समुदाय के लोग अधिकतर निवासरत है जहाँ आज आदिवासी हल्बा समाज युवा प्रकोष्ठ गढ़ लोहत्तर ने गढ़-मुख्यालय सोनादाई लोहत्तर में रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर उनको श्रद्धांजलि देते हुये उनके द्वारा किये गये कार्यों को युवा प्रकोष्ठ पूर्व अध्यक्ष विकास राजु नायक एवं पूर्व सचिव नंदकुमार गुरुवर के द्वारा युवाओं को अवगत कराया गया, रानी दुर्गावती भारत की महानतम वीर वीरांगनाओ में सुमार रानी दुर्गावती का जन्म 5 अक्टूबर 1524 में हुआ, जिन्होंने अपनी मातृभूमि और आत्मसम्मान की रक्षा हेतु अपने प्राणों का बलिदान दिया। रानी दुर्गावती वो वीर और साहसी महिला थी, जो अपने राज्य की रक्षा के लिए मुगलों से युद्ध करते-करते वीरगति को प्राप्त हो गई थीं कहा जाता है कि वीरांगना रानी दुर्गावती का पराक्रम उन्होंने अकबर के जुल्मो के आगे झुकने से इंकार करते हुये स्वतन्त्रता और अस्मिता के लिए युद्ध को चुना और उन्होंने कुल 52 युद्धों में से 51 युद्ध में विजय प्राप्त किये थे उनके सामने कोई दुश्मन योद्धा टीक नहीं पाते थे, रानी दुर्गावती को साक्षात दुर्गा कहा जाता है वीरतापूर्ण चरित्र वाली रानी दुर्गावती ने  24 जून 1564 को युद्ध में अंत समय निकट जानकार स्वयं के कट्टार से अपने सीने में मारकर आत्म बलिदान दी, आज के दिन 24 जून को रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस के रूप में पुरे देश में मनाया जाता है और भारत शासन उनके बलिदानी के लिए 24 जून 1988 को उनके सम्मान में डाक टिकट जारी किया गया है | रानी दुर्गावती के इस वीरतापूर्ण चरित्र के लिए उन्हें इतिहास में याद किया जाता है।

 पूर्व कोषाध्यक्ष पुरुषोत्तम राना और कोषाध्यक्ष अभिषेक ठाकुर ने कहा कि आज के युवाओं को उनके जैसे अदमय साहस रखने कि आवश्यकता है क्योंकि आजकल हमारे समुदायों में बाहरी व्यक्तियों कर प्रवेश हो रहा है उनसे लड़ने के लिए हमे रानी दुर्गावती, रानी लक्ष्मी बाई, ज्योतिबा फुले एवं गैंदसिंह भाऊ, बिरसा मुंडा, सुखदेव पातर, चिंटू देहारी, श्यामलाल सोम, हरचंद बाकड़ा, वीर नारायण सिंह, वीर गुंडाधुर जैसे महान क्रन्तिकारी योद्धाओ की जीवनी से जुड़कर उन्हें अनुसरण करने कि आवश्यकता है| अंत में युवा प्रकोष्ठ अध्यक्ष मन्नूराम दीवान ने सभी युवाओं में जोश भरते हुये कहा कि जब हमारी जरूरत समाज और देश को पडती है तब हम सबको बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना है और अपने समाज, समुदाय एवं देश के विकास के लिए अपना हाँथ बटाना है हम सबको एक होकर रहने कि आवश्यकता है और हम सब एक है और आगे में इसी एकता के साथ समाज के लिए कार्य करने की शपथ दिलाई| कार्यक्रम में युवा प्रकोष्ठ सचिव देवेंद्र टोहलिया,दीपक समरथ, आकाश देहारी, कैलाश टोहलिया, लखमू राना, प्रकाश दीवान, संतोष पात्र, कैलाश पात्र, पंचराम ठाकुर, हनेश दीवान, संतो राना, संजू राना अजित नायक, हलधर गुरुवर, टोमेश नायक, गंगा नागेश, नागेश टोहलिया, पदमा भोयर, संवली टोहलिया, अनीता टोहलिया, भवानी राना, काजल राना, हेमेश्वरी नाग, पूनम राना, चन्द्रिका देहारी, रवीना दीवान, पल्ल्वी दीवान सहित आदिवासी हल्बा समाज गढ़ लोहत्तर के युवा साथी उपस्थित थे|  यह जानकारी मिडिया प्रभारी अजित नायक, दीपक समरथ और गोविन्द दीवान ने दी।

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