लोकेशन बालोद
संजय कुमार
बालोद में गूंजा सहकारिता का जयघोष
सहकार भारती कार्यकर्ता सम्मेलन ऐतिहासिक बना – उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने सहकारिता को जनआंदोलन बनाने का आह्वान किया
📍 बालोद | 20 जुलाई 2025
> "बिना संस्कार नहीं सहकार, बिना सहकार नहीं उद्धार"
इस ओजस्वी उद्घोष के साथ बालोद की पावन धरती पर सहकारिता की एक नई लहर जन्मी।
सहकार भारती के तत्वावधान में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन ने जिले को नई ऊर्जा, नई दिशा और नई प्रेरणा दी।
✨ जनसैलाब ने रचा इतिहास
हल्की फुहारों के बीच भी जब हजारों की संख्या में लोग उमड़े, तो यह स्पष्ट हो गया कि सहकारिता अब केवल नारा नहीं, जन-जन की भावना बन चुकी है।
पूरे परिसर में “सहकारिता से समृद्धि – ग्राम से राष्ट्र तक!” का उद्घोष गूंजता रहा, और वातावरण जन-जागरण के रंग में रंग गया।
👩🌾👨🌾 युवाओं, किसानों, महिलाओं और सहकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों की अद्भुत भागीदारी ने यह सिद्ध कर दिया कि यह सम्मेलन जनता का सम्मेलन था।
🎤 ऊर्जावान संबोधन – उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा
छत्तीसगढ़ शासन के उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने अपने ओजपूर्ण संबोधन में कहा:
> “गांव और समाज का उत्थान तभी संभव है जब सहकारिता का आधार मजबूत हो। सहकारिता है आत्मनिर्भर भारत की रीढ़।”
उन्होंने सहकार भारती के समर्पित प्रयासों की सराहना की और हर गांव में सहकारिता की अलख जगाने का संकल्प दोहराया।
> “सहकारी संगठन ग्रामीण भारत के लिए उज्जवल भविष्य की कुंजी हैं – विशेषकर युवाओं के लिए।”
विशिष्ट अतिथि:
श्री भोजराज नाग – सांसद, कांकेर
श्रीमती तारणी चंद्राकर – अध्यक्ष, जिला पंचायत बालोद
श्रीमती प्रतिभा चौधरी – अध्यक्ष, नगर पालिका बालोद
श्री तोरण साहू – अध्यक्ष, नगर पालिका दल्लीराजहरा
श्री कैदारनाथ गुप्ता – अध्यक्ष, अपेक्स बैंक
श्री भरत मटियारा – अध्यक्ष, मत्स्य बोर्ड
श्री रूपनारायण सिन्हा – अध्यक्ष, योग आयोग
🛠️ आयोजन के सूत्रधार
इस भव्य आयोजन की सफलता का श्रेय जाता है:
श्री राधेश्याम चंद्रवंशी – प्रदेश अध्यक्ष, सहकार भारती
श्री मुरारीलाल चंदन – सम्मेलन संयोजक
श्री रूद्रप्रकाश साहू – सह-संयोजक
जिन्होंने अपने संगठकीय कौशल और अथक परिश्रम से इस सम्मेलन को ऐतिहासिक स्वरूप दिया।
🌱 सम्मेलन की प्रमुख उपलब्धियां
✅ सहकारी संस्थाओं में युवाओं की भागीदारी पर विशेष बल
✅ ग्राम स्तर पर संगठन शक्ति को मजबूत करने की दिशा में मंथन
✅ महिला सशक्तिकरण एवं प्रशिक्षण योजनाओं पर गहन चर्चा
✅ कृषि, डेयरी, मत्स्य व सहकारी बैंकिंग को सशक्त बनाने की पहल
🎯 निष्कर्ष
यह सम्मेलन केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं, बल्कि एक वैचारिक क्रांति थी।
बालोद अब छत्तीसगढ़ में सहकारिता चेतना का केन्द्र बन चुका है।
> यह अलख अब केवल बालोद में नहीं रुकेगी – यह आंदोलन गांव-गांव, घर-घर पहुँचेगा
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