लोकेशन बालोद
संजय कुमार
*भारतीय जनता पार्टी जिला कार्यालय बालोद में श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेई जी की पुण्यतिथि मनाई गई*
*दिनांक-16-08-2025*
*शनिवार*
*बालोद*-आज भारतीय जनता पार्टी जिला कार्यालय में भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेई जी की पुण्यतिथि कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में भाजपा वरिष्ठ नेता कुलदीप कत्याल शामिल हुए, एवं जिले के मंडल अध्यक्ष, जन प्रतिनिधि, जिला पदाधिकारी व मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम की शुरुआत श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेई जी के तैल चित्र में माल्यार्पण कर पूजा अर्चना की गई।
कार्यक्रम का संचालन *जिला महामंत्री राकेश छोटू यादव* ने किया।
उन्होंने पुण्यतिथि के अवसर पर अटल जी के जीवन के बारे में अपनी बात रखी उन्होंने कहा कि अटल जी ने अपना संपूर्ण जीवन राष्ट्र सेवा गरीब कल्याण और सुशासन को समर्पित किया ।
हम ऐसे महान युग दृष्टा , पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न, श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी को हम नमन करते हैं।
महामंत्री ने उनकी एक कविता भी पढ़ी,
जीवन को टुकड़ों में नहीं बांटा जा सकता,
उसका 'पूर्णता' में ही विचार किया जाना चाहिए,
आपकी पहचान उसके धन या पद से नहीं होती उनके मन से होती है,
मां की फकीरी पर तो कुबेर की संपदा भी रोती है।
कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए सभी ने अपने विचार रखे।
*प्रमुख वक्ता कुलदीप कत्याल*- ने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा -अटल बिहारी वाजपेई जी भारत के दसवें प्रधानमंत्री थे उन्होंने प्रधानमंत्री का पद तीन बार संभाला है वे पहले 13 दिन के लिए 16 मई 1996 से 1 जून 1996 तक, फिर लगातार दो शासन 8 महीने के लिए 19 मार्च 1998 से 13 अक्टूबर 1999 और फिर वापस 13 अक्टूबर 1999 से 22 में 2004 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे।
वे हिंदी कवि, पत्रकार और एक प्रखर वक्ता थे वे भारतीय जनसंघ के संस्थापकों में से एक थे और 1968 से 1973 तक उनके अध्यक्ष भी रहे, उन्होंने लंबे समय तक राष्ट्रधर्म, पाञ्चजन्य (पत्र)और वीर अर्जुन आदि राष्ट्रीय भावना से और अनेक पत्र पत्रिकाओं का संपादन किया।
वह 4 दशकों से भारतीय संसद के सदस्य थे, लोकसभा निचले सदन 10 बार और दो बार राज्यसभा ऊपरी सदन में चुने गए, उन्होंने लखनऊ के लिए संसद सदस्य के रूप में कार्य किया, 2009 तक उत्तर प्रदेश जब स्वास्थ्य संबंधी चिताओं के कारण सक्रिय राजनीति से सेवानिवृत हुए।
अपना जीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेकर प्रारंभ करने वाले वाजपेई राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के पहले प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री पद के 5 वर्ष बिना किसी समस्या के पूरे किए।
आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेने के कारण इन्हें भीष्म पितामह भी कहा जाता है।
उन्होंने 24 दलों के गठबंधन से सरकार बनाई थी जिस पर 81 मंत्री थे।
श्री वाजपेई जी प्रधानमंत्री पद पर पहुंचने वाले मध्य प्रदेश के प्रथम व्यक्ति थे, 2005 से भी राजनीति से संन्यास ले चुके थे, 16 अगस्त 2018 को लंबी बीमारी के बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली में श्री वाजपेई जी का निधन हो गया, वह जीवन भर भारतीय राजनीति में सक्रिय रहे।
सर्वतो मुखी विकास के लिए किए गए योगदान तथा असाधारण कार्यों के लिए 2015 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
*अरुण साहू* -ने कहा भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष और ओजस्वी वक्ता एवं पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी जी को नमन करता हूं, और श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उनकी कविता पढ़ी-मैं जी भर जिया,
मैं मन से मरूं,
लौट कर आऊंगा,
कुच से क्यों डरूं।
*अमित चोपड़ा* -ने अपने विचार रखे -ओजस्वी वक्ता -जनकवि अपने व्यक्तित्व व कृतित्व से मां भारती को विश्व में गौरांवित करने वाले भारतीय राजनीतिक शिखर पुरुष आदरणीय श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी को नमन करता हूं और एक कविता की पंक्ति अर्पित करता हूं -बाधाएं आती है आए ,घिरे प्रलय की घोर घटाएं,
पांव के नीचे अंगारे, सिर पर बरसे यदि ज्वालाएं,
निज हाथों में हंसते-हंसते ,आग लगाकर जलना होगा,
कदम मिलाकर चलना होगा,
कदम मिलाकर चलना होगा।
*निशा योगी* - ने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा, हमारे पथ प्रदर्शक महान राष्ट्रवादी भाजपा संस्थापक भारत रत्न परम श्रद्धेय जी को नमन करती हूं और अपने जीवन से जुड़ी उनकी एक कविता को याद किया,
हार कर मैदान नहीं जीते जाते
हर नहीं मानूंगा ,रार नहीं ठानूंगा
काल के कपाल पर लिखता ही जाता हूं,
क्या हार में, क्या जीत में,
किंचित नहीं भयभीत में,
कर्तव्य पथ पर जो भी मिला,
यह भी सही वह भी सही,
वरदान नहीं मांगूंगा
हो कुछ पर हार नहीं मानूंगा।
*भुवनेश्वरी ठाकुर* -ने भी अपने विचार रखते हुए एक कविता पढ़ी,
संघर्ष से मत भागो क्योंकि संघर्ष से ही जीवन की मिठास आती है।
*सरस्वती टेमरिया*- ने भी अपने विचार व्यक्त किया और उनकी जीवनी के बारे में कहा श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेई जी एक सच्चे राष्ट्रभक्त थे और उन्होंने कहा था- हार कर मैदान नहीं जीते जाते संघर्ष से मत भागों क्योंकि संघर्ष से जीवन की मिठास आती है।
*अकबर तिगाला*-नें अटल जी को याद करते हुए कहा की अटल जी कहते थे परमात्मा भी आकर कहे कि छुआछूत मानो तो मैं ऐसे परमात्मा को भी मानने को तैयार नहीं हूं,लेकिन परमात्मा ऐसा कर ही नहीं सकता।
*अबरार सिद्धकी*- ने भी अटल जी के जीवन के कुछ स्वर्णिम पल व राजनीतिक विचारधाराओं को याद करते हुए कहा -अटल बिहारी वाजपेई जी भारत के प्रधानमंत्री होने के साथ-साथ वह एक हिंदी कवि पत्रकार और एक प्रखर वक्ता थे भारतीय जन संघ के संस्थापक संस्थापकों में एक थे, और उन्होंने कहा हमेशा से ही वादे लेकर नहीं आया, इरादे लेकर आया हूं।
निरक्षरता का और निर्धनता का एक बड़ा गहरा संबंध है।
इस कार्यक्रम का आभार शहर मंडल महामंत्री नरेंद्र सोनवानी ने किया उन्होंने आभार व्यक्त करते हुए एक कविता पढ़ी,
खून क्यों सफेद हो गया, भेद में अभेद हो गया। बॅंट गए शहिद, गीत कट गए ,
कलेजे में कटार गड़ गई।
दूध में दरार पड़ गई।
*पुण्यतिथि कार्यक्रम में उपस्थित रहे*-पूर्व जिला अध्यक्ष कृष्णकांत पवार, वरिष्ठ भाजपा नेता यज्ञदत्त शर्मा, कुलदीप कत्याल, जिला महामंत्री राकेश छोटू यादव, उपाध्यक्ष भुनेश्वरी ठाकुर, मंत्री निशा योगी, जनपद पंचायत अध्यक्ष सरस्वती टेमरिया, मंडल अध्यक्ष अमित चोपड़ा, अरुण साहू, अल्पसंख्यक मोर्चा जिला अध्यक्ष अकबर तिगाला, कार्यालय मंत्री विनोद जैन, मीडिया प्रभारी कमल पनपालिया, मंडल महामंत्री नरेंद्र सोनवानी, अल्पसंख्यक मोर्चा मीडिया संभाग प्रभारी अबरार सिद्धकी, पार्षद दीपक लोढ़ा, शहर मोर्चा अध्यक्ष रौनक कत्याल, सतेन्द्र साहू,वीरेंद्र साहू,राहुल साहू, रवि टेमरिया, तुलेंद्र साहू, पार्थ साहू, टीकू यादव, अभिषेक योगी, रंजन, संतोष मानिकपुरी, सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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