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Durgkondal: विकासखंड दुर्गूकोंदल में शालाओं की सघन मॉनिटरिंग: खंड शिक्षा अधिकारी ने किया औचक निरीक्षण*

*विकासखंड दुर्गूकोंदल में शालाओं की सघन मॉनिटरिंग: खंड शिक्षा अधिकारी ने  किया औचक निरीक्षण*





दुर्गूकोदल ।विकासखंड दुर्गूकोंदल में शैक्षिक गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए प्रतिदिन स्कूलों की सघन मॉनिटरिंग की जा रही है। इस पहल के तहत खंड शिक्षा अधिकारी एस. पी. कोसरे ने विकासखंड के सुदूरवर्ती क्षेत्र में स्थित प्राथमिक शाला हेपुरकसा का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान स्कूल में पोला पर्व की तैयारियां उत्साहपूर्वक चल रही थीं, जिसमें प्रधान पाठक बलराम भोयर, शिक्षक सुरेश कुमार सिवने, ग्रामीण तिरका राम पोटाई और विद्यार्थी शामिल थे। बीईओ ने विद्यार्थियों से पोला पर्व और इससे संबंधित सामग्रियों के बारे में सवाल पूछे, जिनका बच्चों ने आत्मविश्वास के साथ जवाब दिया। उन्होंने बच्चों को बताया कि छत्तीसगढ़ में पोला पर्व खेती-किसानी से गहराई से जुड़ा एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक त्योहार है, जो भाद्र मास की अमावस्या को मनाया जाता है। इस दिन की मान्यता है कि अन्नमाता गर्भ धारण करती है, और परंपरानुसार खेतों में जाने की मनाही होती है। किसान अपने बैलों को सजाते, नहलाते और उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। यह पर्व देश के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है, लेकिन इसका मूल उद्देश्य बैलों की पूजा और खेती की समृद्धि के लिए आशीर्वाद प्राप्त करना है। बीईओ ने शिक्षकों द्वारा आयोजित गतिविधियों और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों की प्रशंसा की, जिससे स्कूल में शैक्षिक और सांस्कृतिक माहौल को बढ़ावा मिल रहा है।विकासखंड में शैक्षिक गुणवत्ता को और बेहतर करने के लिए सहायक खंड शिक्षा अधिकारी अंजनी मंडावी, खंड स्रोत समन्वयक लतीप सोम और समस्त संकुल समन्वयकों द्वारा नियमित रूप से स्कूलों का निरीक्षण किया जा रहा है। इस क्रम में अंजनी मंडावी ने प्राथमिक शाला पटेल पारा खुटगांव, इग्नाइट इंग्लिश मीडियम स्कूल दुर्गूकोंदल और सेजेस दुर्गूकोंदल का दौरा किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने शिक्षकों को दैनंदिनी नियमित रूप से भरने, नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा, प्रयास आवासीय विद्यालय प्रवेश परीक्षा और राष्ट्रीय साधन सह प्रवीण्य छात्रवृत्ति परीक्षा जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। साथ ही, उन्होंने साप्ताहिक टेस्ट आयोजित करने, पाठ योजना के आधार पर अध्यापन करवाने और विद्यार्थियों की वाक् अभिव्यक्ति कौशल को विकसित करने पर जोर दिया।संकुल समन्वयकों द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों की शालाओं का प्रतिदिन निरीक्षण किया जा रहा है, ताकि मुख्यमंत्री गुणवत्ता अभियान के निर्धारित मापदंडों का कड़ाई से पालन हो। इस अभियान के तहत स्कूलों में सामूहिक प्रार्थना और प्रश्नोत्तरी सत्र आयोजित किए जा रहे हैं, साथ ही एक कालखंड विशेष रूप से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समर्पित किया गया है। प्राथमिक स्तर पर पठन, लेखन और गणितीय कौशल के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। शिक्षकों को प्रतिदिन गृहकार्य देने और उसकी जांच करने, पुस्तकों और कॉपियों पर जिल्द चढ़ाने, कक्षा में प्रिंट-रिच वातावरण बनाने, मध्यान्ह भोजन का बेहतर संचालन करने और इसकी दैनिक प्रविष्टि सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त, विद्यार्थियों के लिए तनावमुक्त अध्ययन वातावरण के लिए 'मेरा कोना' का निर्माण और प्रोत्साहन, मध्यान्ह भोजन के लिए किचन गार्डन का विकास, पाठ्यक्रम के समयबद्ध विभाजन के अनुसार अध्यापन, यू-डाइस डेटा और जाति प्रमाण पत्रों को समय पर पूर्ण करने जैसे कार्यों पर जोर दिया जा रहा है। रजत जयंती सप्ताह के अंतर्गत 30 अगस्त तक क्विज प्रतियोगिताएं पूर्ण करने के निर्देश भी दिए गए हैं।निरीक्षण के दौरान ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा रही है, ताकि अनुशासन और शैक्षिक गुणवत्ता में कोई कमी न रहे। दुर्गूकोंदल विकासखंड में किए जा रहे ये प्रयास शैक्षिक सुधार के साथ-साथ स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं जिससे  विद्यार्थियों में सांस्कृतिक जागरूकता और शैक्षिक उत्साह का संचार हो रहा है, जो क्षेत्र के समग्र विकास के लिए एक सकारात्मक कदम है।

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