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Kawardha: कबीरधाम संकटमोचन संकट में कलेक्टर ने लिखा कवर्धा पुलिस कप्तान को पत्र

रिपोर्टिंग -पी.डी.मानिकपुरी       

  दिनांक 30-08-2025                         

    कबीरधाम संकटमोचन संकट में कलेक्टर ने लिखा कवर्धा पुलिस कप्तान को पत्र

जिले में आम पब्लिक की सुरक्षा को लेकर अब उठ रहें हैं सवाल




कवर्धा -  जिले में लगभग 10 लाख की जन संख्या निवास करती है एक कलेक्टर  जिले में कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने वाला जिला दंडाधिकारी के रूप में प्रशासनिक अधिकारी के रूप में जाना जाता है,

 किंतु जिले का संकटमोचन स्वयं की सुरक्षा की मांग कर जनता को सोचने पर मजबूर कर दिया है।

     वैसे भी लायन आर्डर के मामले को लेकर जिले में कई बार राजनीतिक शक्तियों के सामने प्रशासन को झुकाना पड़ा है। सुरक्षा पर सवाल उठाया जाना जनता को अपनी सुरक्षा को लेकर मजबूर होना पड़ा है। लोकतंत्र में बहुमत का अपना महत्व है सत्ता सरकार भी इसकी बुनियाद पर टिकी हुई है।     कभी- कभी बहुमत की बात सच मान कर कमजोर व्यक्ति को सुरक्षा देने में भूल कर जाते हैं। इन दिनों पंडरिया में यह बात सच साबित हो रही है। पुलिस थाना का घेराव करना मजाक बना दिए हैं अफसर हैं कि अपने उच्चाधिकारियों का निर्देश के बिना कोई निर्णय ले पाते हैं सच की खोज में झूठ बलवती होती नजर आ रही है। विगत दिनों 18/8/2025 को सुरक्षा को लेकर जिला कलेक्टर कबीरधाम द्वारा पुलिस अधीक्षक को लिखे जाने वाला पत्र कई मायने में प्रदेश के राजनीतिक गलियारे  सहित जनमानस में सवाल उठ खड़े हुए हैं। कलेक्टर कार्यालय में अपनी बात कहने के लिए चिल्लाना आम बात हो गई है सोशल मीडिया का जमाना है सभी बात वायरल हो ही जाती  है।  अपनी समस्या की समाधान के लिए पीड़ित परिवार रात भर कार्यालयों में बैठे रह जाते हैं। कुछ पुलिस थानों को  घेरावबंदी कर बैठे मजा ले रहे होते हैं। अधिकारियों का खाना पीना नसीब नहीं होता है। तो सुरक्षा पर सवाल उठाया जाना भी आवश्यक है। कलेक्टर निवास और उस परिसर को सबसे अधिक सुरक्षित माना गया है किंतु मध्य रात्रि में भी निवास के आसपास एक निश्चित समूह में लोगों का हुजूम हो तो चिंता जाहिर करना भी स्वाभाविक  है। आज सी.सी. कैमरा का सहारा लिया जा रहा है फुटेज निकलकर

संदिग्ध व्यक्तियों पर सच की पहचान कर कार्रवाई की जा रही है किंतु अब तक बीते 12,13 दिन में कोई संज्ञान लेकर जनहित में सच बात की जानकारी  जारी नही किया जाना जिले की जनता को सुरक्षा की बात को लेकर सोचने पर मजबूर होना पड़ रहा है।                       अब जन-मानस में यह सवाल कौंध रही है की जिले की शांति सुरक्षा व्यवस्था की जुम्मेंदारी किसकी है।

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