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Durgkondal: डे नाईट प्रो कब्बडी प्रतियोगिता का हुआ समापन आईटीआई मोहला ने मारी बाजी*

*डे नाईट प्रो कब्बडी प्रतियोगिता का हुआ समापन आईटीआई मोहला ने मारी बाजी*


*कब्बडी से हमें कड़ी मेहनत और समर्पण से किसी भी मुश्किल लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है:-सावित्री मंडावी* 





दुर्गूकोंदल | विकासखंड दुर्गुकोंदल के ग्राम सिवनी में युवा संगठन समिति द्वारा आयोजित डे-नाईट कबड्डी प्रतियोगिता के समापन समारोह में मुख्यातिथि के रूप में भानुप्रतापपुर विधायक सावित्री मनोज मंडावी सम्मिलित हुई कार्यक्रम की अध्यक्षता उमेश्वरी मंडावी सरपंच ग्रामपंचायत सिवनी विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला पंचायत सभापति देवेंद्र टेकाम, जनपद अध्यक्ष गोपी बढ़ाई, जनपद सभापति विकास राजु नायक के आतिथ्य में सम्पन्न हुआ|  सभी अतिथियों ने कार्यक्रम के दौरान खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया और सभी को खेलों के माध्यम से अनुशासन, एकता एवं स्वस्थ समाज की दिशा में आगे बढ़ने का आह्वान किया। प्रतियोगिता में लगभग 50 टीमों ने हिस्सा लिया जिसमें प्रथम आईटीआई मोहला 15015/- द्वितीय जय मारुती कराठी 7777/- एवं तृतीयभानुप्रतापपुर 4444/- की टीम रही जिन्हे नगद राशि एवं ट्रॉफी भेंटकर सम्मानित किया गया | कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सावित्री मनोज मंडावी ने कहा कि आज प्रो कबड्डी लीग के इस रोमांचक अवसर पर मैं आप सभी का स्वागत करती हूँ। यह सिर्फ एक खेल नहीं है, बल्कि यह भारत की संस्कृति का एक हिस्सा है, जो हमें शारीरिक फिटनेस, मानसिक चुस्ती और सबसे बढ़कर टीम वर्क का पाठ सिखाता है। खेल युवा जीवन को शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से बेहतर बनाता है, जिससे आत्मविश्वास, अनुशासन, टीमवर्क, नेतृत्व और जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने की क्षमता विकसित होती है। खेल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार करते हैं और मानसिक स्वास्थ्य के लिए तनाव कम करते हैं, वहीं टीम वर्क और मैत्रीपूर्ण प्रतिस्पर्धा से सामाजिक कौशल बढ़ते हैं। प्रो कबड्डी ने कबड्डी को छोटे गांवों और गलियों से निकालकर लोगों के घरों तक पहुंचाया है। यह खेल अब भारत का एक बड़ा स्पोर्ट्स ब्रांड बन गया है और यह युवाओं को प्रेरित कर रहा है। यह खेल शारीरिक और मानसिक शक्ति का अद्भुत संगम है, जहाँ खिलाड़ियों को त्वरित निर्णय लेने पड़ते हैं और आपसी तालमेल बिठाना होता है।  प्रो कबड्डी लीग युवा खिलाड़ियों के लिए एक बड़ा मंच है। यह उन्हें अपना हुनर दिखाने और एक पेशेवर खिलाड़ी बनने का मौका देता है। ऐसे खिलाड़ी जो पहले सिर्फ मिट्टी में खेलते थे, अब बड़े मैट पर अपना लोहा मनवा रहे हैं, कबड्डी हमें सिखाती है कि कैसे कड़ी मेहनत और समर्पण से किसी भी मुश्किल लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। यह खेल हमें सिखाता है कि कैसे एकजुट होकर एक टीम के रूप में खेलना है। यह खेल अनुशासन सिखाता है और हमें त्वरित निर्णय लेने में मदद करता है| मैं आप सभी युवाओं से अनुरोध करती हूँ कि आप इस खेल को सिर्फ मनोरंजन के रूप में ही न देखें, बल्कि इससे प्रेरणा लें। कबड्डी जैसे खेलों में भाग लें, क्योंकि यह खेल आपको एक बेहतर नागरिक बनने में मदद करेंगे। आइए हम सब मिलकर कबड्डी को बढ़ावा दें और भारत को खेल जगत में नई ऊंचाइयों पर ले जाएं| सामाजिक कौशल संघर्ष को कम करके और इसके सदस्यों के बीच परस्पर संवाद को सुगम बनाकर समाज की रीढ़ बनाने में मदद करते हैं। ज़्यादातर लोग इस बात से सहमत होंगे। हालाँकि, कुछ लोग हमेशा यह सवाल पूछते हैं खेल सामाजिक कौशल विकसित करने में कैसे मदद करते हैं, वास्तव में ऐसे कई तरीके हैं जिनसे मैदान और कोर्ट ऐसे मंच बन जाते हैं जहाँ युवा इन कौशलों को विकसित करना सीखते हैं और अपनी पहचान बनाने की दिशा में अपने पहले कदम उठाते हैं। युवा होना निरंतर परिवर्तनशीलता की स्थिति में रहना है। हालाँकि आंतरिक दृष्टि पर अधिक ध्यान देना आवश्यक है, लेकिन टीम खेलों में आपसी लक्ष्य प्राप्त करने के लिए दूसरों के साथ सहयोग की आवश्यकता होती है। इससे ध्यान अधिक बाहरी प्रकृति का हो जाता है, जिससे प्रतिभागियों को उस प्रकार के बंधन और टीम-निर्माण कौशल सीखने में मदद मिलती है जो उनके पूरे जीवन में आवश्यक होंगे। इस प्रकार की बातचीत के दौरान उच्च-स्तरीय संचार, सहयोग और मूल्यांकन कौशल विकसित होते हैं।देवेंद्र टेकाम ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज खेलो इंडिया के माध्यम से आज भारत देश दुनिया में खेलों में अपना लोहा मनवा रहा है और युवा इस खेल में रूचि रखकर जगह जगह विभिन्न खेलों आयोजन करते है, लेकिन खेल के साथ साथ हमें अपने जीवन को निखारने की आवश्यकता है और नशा मुक्त युवा समाज बनाने की आवश्यकता है, देश आज नशे की समस्या से जूझ रहा है। नशा एक ऐसी बुराई है जो युवा वर्ग की क्षमता, नैतिकता और उनके उज्ज्वल भविष्य को निगल रही है। यह समस्या केवल व्यक्तिगत स्तर तक सीमित नहीं, बल्कि इसका प्रभाव समाज और राष्ट्र के विकास पर भी पड़ता है। नशा एक ऐसी बुराई है जो युवा वर्ग की क्षमता, नैतिकता और उनके उज्ज्वल भविष्य को निगल रही है। यह समस्या केवल व्यक्तिगत स्तर तक सीमित नहीं, बल्कि इसका प्रभाव समाज और राष्ट्र के विकास पर भी पड़ता है। आजकल युवाओं में नशे की लत तेजी से बढ़ रही है। शराब, तंबाकू, गांजा, अफीम और नशीली दवाइयों का प्रचलन भी खूब बढ़ा है। नशा एक ऐसी समस्या है, जो किसी भी व्यक्ति के जीवन को खोखला कर देता है। इसका असर नशा करने वाले व्यक्ति तक ही सीमित नहीं रहता, बल्कि नशे की लत का दायरा बहुत व्यापक होता है जो परिवार, समाज और यहां तक कि पूरे राष्ट्र को अपनी चपेट में ले लेता है। नशा करने वाला शारीरिक और मानसिक दोनों स्तरों पर कमजोर होने लगता है। लगातार नशा करने से हृदय रोग, फेफड़ों में समस्या और लीवर खराब होने के साथ कैंसर और अन्य घातक बीमारियां हो सकती हैं। इसके अलावा व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है, जिससे वह दूसरी बीमारियों का भी शिकार बनता जाता है।इस अवसर पर सरपंच संघ अध्यक्ष शकुंतला नरेटी, शोपसिंग आचला अध्यक्ष ब्लॉक कॉंग्रेस दुर्गुकोंदल, रामुराम मण्डावी, बिहारी लाल सिन्हा, बसंती यादव, जग्गूराम मण्डावी, रूपसिंग कोमरा,धन्नीराम पद्माकर, जागेश्वर तोप्पा, जयसिंह महावीर, रघुनाथ मंडावी, सियाराम मंडावी, दुर्गुकोंदल, हुमन मरकाम विधायक प्रतिनिधि, सोनूराम उईका, गन्नू राम तोप्पा, उदय पुरामे, सोमदेव कोरेटी, युवा संघठन फगनू गौर, सचिव सुदेश तोप्पा, सोनू राम उइका, मंशा मण्डावी, लुकेश भोयर, ईश्वर मंडावी, आशीष तोप्पा  रमेश मंडावी, भूपेश महावीर एवं समस्त युवा संघठन के सदस्य सहित क्षेत्रवासी उपस्थित रहे।

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