सक्ती ब्रेकिंग
14/09/2025
*हाई कोर्ट में मसीही समाज की जनहित याचिका खारिज...*
*ग्राम पंचायत ने पादरी व पास्टर के ग्राम प्रवेश पर प्रतिबंध का लगाया होर्डिंग...*
*हाई कोर्ट के फैसले से विवादित धर्मांतरण को लेकर बढ़ रहे विवादों पर विराम लगेगा... अधिवक्ता चितरंजय पटेल*
उच्च न्यायालय बिलासपुर ने ग्राम पंचायत के द्वारा पादरी व पास्टर के ग्राम प्रवेश पर प्रतिबंध संबंधित होर्डिंग्स लगाये जाने के खिलाफ मसीही समाज ने जनहित याचिका दायर किया था जिसे सुनवाई उपरांत हाई कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि ग्राम सभा की सहमति से लगाए प्रतिबंध संबधी होर्डिंग्स के खिलाफ याचिका में ग्राम पंचायत को भी पक्षकार बनाया जाना चाहिए जिसके अभाव में याचिका खारिज कर दी।
विदित हो कि छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापपुर विकासखंड के घटिया ग्राम में धर्मांतरण हेतु मसीही समाज के पादरी व पास्टर के प्रवेश पर प्रतिबंध के होर्डिंग लगाए गए जिसे संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन बताते हुए खिलाफ मसीह समाज ने हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर किया था जिसकी सुनवाई के दरमियान मसीही समाज ने इसे भेदभाव और संविधान के प्रतिकूल बताया तो वहीं छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से प्रस्तुत किया गया कि पास्टर और पादरी भोले_भाले आदिवासी समुदाय के देवी देवताओं के खिलाफ दुष्प्रचार करने के साथ ईसाई धर्म उन्हें स्वीकारने हेतु भड़काया जाता है इसलिए ग्राम सभा में ग्रामीणों द्वारा सामूहिक रूप से प्रस्ताव कर मसीही समाज के ग्राम प्रवेश पर प्रतिबंध के होर्डिंग लगाए गए हैं फलस्वरूप मुख्य न्यायधीश ने मसीही समाज की याचिका को निरस्त कर दिया।
इस संबंध में मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय आयोग (विधि) एवं अधिवक्ता चितरंजय पटेल ने कहा कि निश्चित रूप से उच्च न्यायालय का इस फैसले से विवादित धर्मांतरण पर नियंत्रण के साथ ही धर्मांतरण को लेकर जारी बहुत सारे विवादों पर विराम लगेगा।
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