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Durgkondal: शिक्षकों के साथ दुर्व्यवहार: सहायक खंड शिक्षा अधिकारी को हटाने की मांग, आंदोलन की चेतावनी*

 **शिक्षकों के साथ दुर्व्यवहार: सहायक खंड शिक्षा अधिकारी को हटाने की मांग, आंदोलन की चेतावनी*



दुर्गूकोदल।विकासखंड दुर्गूकोदल में सहायक खंड शिक्षा अधिकारी (ABEO) श्रीमती अंजनी मंडावी को तत्काल हटाने की मांग को लेकर शिक्षकों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है।इस संबंध में सहायक शिक्षक / समग्र शिक्षक फेडरेशन ब्लॉक इकाई दुर्गूकोदल ने मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन के नाम तहसीलदार दुर्गूकोदल को आज ज्ञापन जारी करते हुए कहा है कि श्रीमती मंडावी पिछले 12 वर्षों से एक ही स्थान पर पदस्थ हैं, और इस दौरान उनका व्यवहार शिक्षकों के प्रति अत्यंत अनुचित एवं अपमानजनक रहा है।शिक्षक संघ ने आरोप लगाया है कि श्रीमती मंडावी द्वारा विद्यालय निरीक्षण के नाम पर शिक्षकों से दुर्व्यवहार और अपमानजनक बातें की जाती हैं, जिससे शिक्षकों की मानसिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि वे दिव्यांग महिला शिक्षकों के साथ भी अनुचित व्यवहार करती हैं तथा निरीक्षण के दौरान शिक्षकों की वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डिंग कर उच्च अधिकारियों को भेजकर बेइज्जत किया जाता है।यह वीडियो और जानकारी अन्य सोशल मीडिया समूहों में साझा की जाती है, जिससे शिक्षकों की गरिमा और आत्मसम्मान को ठेस पहुँच रही है।शिक्षक संगठन ने कहा है कि इस तरह के व्यवहार से न केवल शिक्षकों का मनोबल टूट रहा है बल्कि अध्यापन कार्य भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।संघ ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि इस विषय को गंभीरता से लेते हुए सहायक खंड शिक्षा अधिकारी को तत्काल स्थानांतरित या हटाया जाए, ताकि शैक्षणिक वातावरण सामान्य हो सके।संगठन ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि 8 दिवस के भीतर उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो शिक्षक वर्ग उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा। इस आंदोलन की पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।ज्ञापन में जिला अध्यक्ष निर्भय कोवांची, ब्लॉक अध्यक्ष देव प्रसाद महाबीर, श्यामकुमार कचलाम, बेदी लाल केमरो, गेंद सिंह रावटे, कुसुम, सारिका दरो, नरोत्तम सलाम, अरविन्द चौधरी, डॉ. धनाजूराम नरेटी, गजेन्द्र ठाकुर, दीपक साहू, बासत साहू, घेवरचंद मरकाम, रुपेश नेताम, कन्हैया ठाकुर, और संतोष रावटे सहित अन्य सदस्यों के हस्ताक्षर शामिल हैं।संघ ने कहा कि उनका उद्देश्य किसी व्यक्ति विशेष को निशाना बनाना नहीं है, बल्कि शिक्षकों के सम्मान और शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखना है।उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रशासन शिक्षकों की भावनाओं को समझते हुए शीघ्र सकारात्मक निर्णय लेगा।

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