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Durgkondal: दुर्गूकोंदल में बेमौसम बारिश से फसल बर्बाद — शिवसेना नेता चैनूराम शिवाना ने मुख्यमंत्री से मुआवजे देने की मांग की

 दुर्गूकोंदल में बेमौसम बारिश से फसल बर्बाद — शिवसेना नेता चैनूराम शिवाना ने मुख्यमंत्री से मुआवजे देने की  मांग की 


फसल नष्ट हुई, किसान संकट में— चैनूराम शिवाना ने कहा मुआवजा नहीं मिला तो शिवसेना करेगी आंदोलन



दुर्गूकोंदल। क्षेत्र में हो रही असमय भारी बारिश ने किसानों की मेहनत और उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। खेतों में खड़ी और कटी हुई फसलें पूरी तरह पानी में डूबकर सड़ने लगी हैं। कई किसानों की धान की उपज खेतों में पड़ी-पड़ी अंकुरित होने के कगार पर है। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति बेहद दयनीय हो चुकी है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए शिवसेना नेता चैनूराम शिवाना ने प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से हस्तक्षेप की मांग की है।शिवाना ने कहा कि दुर्गूकोंदल ब्लॉक सहित आस-पास के कई गांवों में धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। बारिश इतनी अधिक हुई है कि किसान अपनी कटी फसल को घर तक लाने में भी असमर्थ हैं। कई किसानों के खेतों में सड़न और अंकुरण की स्थिति बन गई है, जिससे अब उस फसल का कोई उपयोग नहीं रह गया।उन्होंने बताया कि किसानों ने कर्ज लेकर खेती की थी, और अब पूरी फसल नष्ट हो जाने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति और अधिक बिगड़ गई है। ऐसी परिस्थिति में सरकार को तत्काल राहत कार्य शुरू कर प्रशासनिक सर्वे कराना चाहिए ताकि किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा मिल सके।शिवसेना नेता चैनूराम शिवाना ने चेतावनी दी कि यदि शासन ने शीघ्र कदम नहीं उठाया और किसानों के मुआवजे के प्रकरण नहीं बनाए, तो शिवसेना किसानों के साथ मिलकर आंदोलन करने को बाध्य होगी। उन्होंने कहा कि किसानों की मेहनत से ही देश की अन्न-व्यवस्था चलती है, लेकिन जब वही किसान संकट में है तो सरकार का मौन रहना उचित नहीं है।उन्होंने आगे कहा, हमारी मांग है कि दुर्गूकोंदल क्षेत्र के सभी प्रभावित गांवों में तुरंत सर्वे कराया जाए और बीमा कंपनी से लेकर राजस्व विभाग तक सक्रियता दिखाई जाए। किसानों को उनके नुकसान का मुआवजा शीघ्र मिले, ताकि वे अगली फसल की तैयारी कर सकें।शिवसेना नेता ने यह भी कहा कि वे किसानों के साथ खड़े हैं और उनके अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि वह हालात की गंभीरता को देखते हुए जल्द निर्णय ले और किसानों को आपदा राहत निधि व बीमा राशि से आर्थिक सहायता प्रदान करे।बेमौसम बारिश से प्रभावित गांवों में किसानों की हालत बेहद खराब बताई जा रही है। खेतों में फसलें सड़ चुकी हैं, और कई किसानों के सामने अब अगली बोआई के लिए भी संसाधन जुटाने की चुनौती खड़ी हो गई है।

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