Ticker

6/recent/ticker-posts

Gariyaband: 53 पंचायत 42 पंचायत कर्मी पांच दशक से पंचायत विभाग ने नहीं भरा रिक्त पदों को*

 *53 पंचायत 42 पंचायत कर्मी पांच दशक से पंचायत विभाग ने नहीं भरा रिक्त पदों को*


रिपोर्टर --जयविलास शर्मा 


*11 पंचायतों में अतिरिक्त प्रभार योजना मूलक कार्यों में देरी या हो रही है कठिनाई 



गरियाबंद --देवभोग ब्लाक में कुल 53 ग्राम पंचायतें हैं पंचायत को चलाने या सरकारी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिये पंचायत प्रतिनिधियों के अलावा पंचायत कर्मी अर्थात सचिव ग्राम सरकार का मुख्य कड़ी होता है। ऐसे तो पंचायतों में सरकारी योजनाओं के सहज क्रियान्वयन के लिये प्रत्येक पंचायत में एक सचिव या पंचायत कर्मी का पदस्थ होना जरूरी होता है पर देवभोग ब्लाक में पिछले पांच दशक से पंचायत कर्मी का अभाव देखा गया है पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने अब तक ना इन रिक्तियों को भरे और ना ही पंचायत कर्मी के रिक्त पदों  के भर्ती के लिये कोई विज्ञापन निकला है। पंचायतों में अतिरिक्त प्रभार का अदल बदल खेल कई दिनों से चल रहा है।


*48 पंचायतों में भी 42 ही थे पदस्थ पंचायत बढ़कर  53 हुआ तो वहीं 42 है कार्यरत*

पंचायतीराज के शुरूवाती दौर से अब तक देवभोग जनपद पंचायत अंतर्गत पहले 06 पंचायतों में सचिव का पद रिक्त था तो वहीं जनपद क्षेत्र में 05 पंचायतों के नये परिसिमन के बाद 11पंचायत ऐसे हैं जहां सचिव (पंचायत कर्मी) का पद स्थापना नहीं हो सका। सन् 19- से 20- तक ब्लाक भर में 48 पंचायत थे तब भी 42 पंचायत कर्मी  पदस्थ थे तो अब पंचायतों की संख्या 53 होने के बाद भी वही 42 सचिव ही सेवा में है।


*कौन से पंचायत चल रहा अतिरिक्त प्रभार के भरोसे? पदों को भरने ना जनप्रतिनिधि रूचि दिखा रहे ना अधिकारी दे रहे हैं ध्यान ?*


देवभोग ब्लाक में 11 पंचायत ऐसे हैं जहां सचिव के अतिरिक्त प्रभार पर पंचायत का कारोबार चल रहा है अतिरिक्त प्रभार वाले पंचायतों की बात करें तो बांडीगांव, बरकानी ,घोघर,डोहल, गांडाघाट,सेंधमुडा, कुम्हडई कला,मांडागांव,कोसमकानी,सुपेबेडा,फलसापारा में फिलहाल पंचायत सचिव का पद रिक्त हैं और अतिरिक्त प्रभार के भरोसे चल रहा है।हद तो तब हो गया जब इसमें से बरकानी पंचायत का अतिरिक्त प्रभार सचिव के गृहग्राम होने के बाद दे दिया गया है। दशकों से रिक्त पंचायत कर्मी भरे जाने को लैटर ना जन प्रतिनिधियों ने कभी रूचि दिखाई ना ही अधिकारी ने कभी ध्यान दिया।


*पंचायतों का अतिरिक्त प्रभार टेंशन या लाभ का प्रभार,अतिरिक्त प्रभार के लिये होता है मारामारी*


भले ही पंचायत में विकास मूलक योजनाओं में शिथिलता आ जाये,भले ही सभी दिन पंचायत मुख्यालय ना खुल सके पर एक बात तो साफ है अतिरिक्त प्रभार वाले पंचायतों में काम काज ठप्प पड़ा रहता है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सचिव‌ विहीन पंचायतों में अतिरिक्त प्रभार के लिये मारामारी रहता है। अतिरिक्त प्रभार वाले सचिव इसे चुनौती पूर्ण और तनावयुक्त मानते हैं जबकि अतिरिक्त प्रभार के मामले में सचिव बेहद खुश नजर आते हैं।


*रिक्त पदों के नियुक्ति को लेकर क्या कहते है अधिकारी*


वहीं पंचायतों में नियुक्ति को लेकर जनपद पंचायत के सीइओ भारतीश भगत ने कहा सचिव स्थापना राज्य सरकार के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के संचनालय से होता है इनके निर्देश के बाद जिला पंचायत नियुक्ति करता है संचनालय की ओर से आदेश जारी हो गया है और बहुत ही जल्द रिक्त पदों को भरा जायेगा।अब देखना होगा 11पंचायतों में रिक्त पदों को कब भरा जाता है।

Post a Comment

0 Comments