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Sakti: 14 वर्ष की नाबालिक किशोरी से दुष्कर्म के आरोपी को 30 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा*

 *14 वर्ष  की नाबालिक किशोरी से दुष्कर्म के  आरोपी को 30 वर्ष  की सश्रम कारावास की सजा*

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*फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश यशवंत सारथी का निर्णय*


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शक्ति (समाचार ) फास्ट ट्रैक  कोर्ट शक्ति के विशेष न्यायाधीश यशवंत कुमार सारथी ने  14 वर्ष 1 माह  की  नाबालिग बालिका जो कक्षा दसवीं की छात्रा थी के साथ दुष्कर्म के मामले में  अभियुक्त के विरुद्ध आरोपित अपराध दोष सिद्ध  पाए जाने पर  आरोपी को 30  वर्ष की सश्रम   कारावास की सजा  एवं अर्थदंड से दंडित करने का निर्णय पारित किया है। विशेष लोक अभियोजक राकेश महंत  ने बताया कि  अभियोक्त्री अपने कमरे में अकेली सोती थी तथा एक कमरे में उसके माता-पिता एवं छोटा भाई सोते थे  । जब नाबालिग किशोरी के माता-पिता खाना-पीना खाकर अपने कमरे में सो गए तथा वह अपने कमरे  में अकेली सोयी हुई  थी तब पड़ोस में रहने वाले अभियुक्त उसके कमरे में दाखिल होकर जबरदस्ती उसके साथ बलात्कार किया किशोरी ने विरोध किया  और अभियुक्त को बताया कि उसकी कक्षा दसवीं की पेपर है तब भी अभियुक्त नहीं माना तब नाबालिग किशोरी  ने चिल्लाई तो उसकी माता पिता सुने और थोड़ी देर में आई तब तक अभियुक्त नाबालिग किशोरी के साथ दुष्कर्म कर  चुका था । घटना  के समय किशोरी के माता-पिता घटनास्थल पहुंच गए थे जिन्होंने अभियुक्त को देखा । किशोरी ने अपने माता-पिता को घटना के संबंध में बताया कि अभियुक्त पिछले 3 माह से उसके साथ जबरजस्ती दुष्कर्म कर रहा है  ।




 अभियुक्त ने उसे धमकी दिया है कि  वह मर्डर कर चुका है और आधा से कम सजा काट चुका है यदि उसके कहे के अनुसार वह नहीं  करेगी तो किशोरी को एवं तुम्हारे माता-पिता तथा  छोटे भाई को जान से मार देने की धमकी दिया था इसी डर से वह अपने माता पिता को घटना के संबंध में जानकारी नहीं दे सकी थी। नाबालिग किशोरी ने यह भी बताया कि अभियुक्त अपने साथ ब्लेड रखा हुआ था एवं विरोध करने पर अभियुक्त ने उसके बाएं कंधे में चोट पहुंचाया। किशोरी ने यह भी बताया है कि  एक दिन अभियुक्त ने जबरजस्ती उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया तो वह बोली कि मैं घटना को अपने मम्मी पापा को बताऊंगी तो अभियुक्त  अपने साथ एक मैगजीन लेकर आया था जिसमें उसके द्वारा रायगढ के एक महिला कॉन्स्टेबल का मर्डर किया था जिस के संबंध में लेख छपा था जिसे नाबालिग किशोरी पढ़कर डर गई थी  ।   पूर्व में अभियुक्त को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट रायगढ़ के द्वारा सत्र प्रकरण क्रमांक 19 / 2015 निर्णय  दिनांक 27 अक्टूबर 2016 को एक महिला आरक्षक के साथ बलात्कार और उसकी हत्या करने के जुर्म में धारा 302 भारतीय दंड संहिता के अपराध के लिए आजीवन कारावास धारा 376 भारतीय दंड संहिता के अपराध के लिए 10 वर्ष धारा 450 भारतीय दंड संहिता के अपराध के लिए 5 वर्ष तथा धारा 379 भारतीय दंड संहित के अपराध के लिए अभियुक्त को 1 वर्ष के सश्रम कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया गया है । जिस की अपील माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ में लंबित होना न्यायालय ने पाया है  । प्रकरण में अभियोजन द्वारा सभी महत्वपूर्ण 15 साक्षियों  को  न्यायालय में पेश किया गया था। नाबालिग किशोरी के रिपोर्ट पर  पुलिस द्वारा अभियुक्त के विरुद्ध त्वरित अपराध पंजीबद्ध कर उसे गिरफ्तार कर  न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया तथा संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियुक्त के विरुद्ध अभियोग पत्र विशेष  न्यायालय फास्ट ट्रेक कोर्ट शक्ति में पेश किया गया था ।  विशेष न्यायालय शक्ति  ने उभय पक्षों को पर्याप्त समय अपने पक्ष रखने के लिए  देने के पश्चात तथा अभियोजन एवं अभियुक्त पक्ष के अंतिम तर्क श्रवण करने तथा संपूर्ण विचारण पूर्ण होने  के पश्चात न्यायालय द्वारा निर्णय पारित किया गया। अभियोजन द्वारा अभियुक्त के विरुद्ध आरोपित अपराध संदेह से परे प्रमाणित कर दिए जाने से  विशेष न्यायाधीश यशवंत कुमार सारथी द्वारा अभियुक्त को भारतीय दंड संहिता की धारा 506 भाग 2 ,भारतीय दंड संहिता की धारा 450 एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 6 विकल्प में भारतीय दंड संहिता की धारा 376 की उप धारा  2(ढ) के आरोप में सिद्ध दोष पाते हुए दोष  सिद्ध घोषित किया गया है । विशेष न्यायाधीश  ने अभियुक्त  शुभम मिश्रा  पिता नारायण मिश्रा  उम्र 24 वर्ष  को भारतीय दंड संहिता की धारा 506 भाग 2 के तहत 1 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹1000 के अर्थदंड, भारतीय दंड संहिता की धारा 450 के तहत 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹1000 रूपये का अर्थ दंड तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6  के अपराध के लिये 30  वर्ष का सश्रम कारावास   एवं ₹10,000 रुपये की अर्थदंड  से दंडित किया है।  अभियोजन  की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक राकेश महंत ने किया ।


*छत्तीसगढ़ vision tv न्यूज़, जिला - शक्ति से ब्यूरो हेड महेंद्र खांडे के साथ जितेंद्र पटेल की रिपोर्ट*

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