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Pithora: मां परमेश्वरी मंदिर में चल रहे श्रीमद् भागवत में सातवें दिन सुनाई कंस वध और कृष्ण- रुकमणी विवाह की कथा

 संवाददाता -राजा बाबू उपाध्याय की रिपोर्ट


मां परमेश्वरी मंदिर में चल रहे श्रीमद् भागवत में सातवें दिन सुनाई कंस वध और कृष्ण- रुकमणी विवाह की कथा




पिथौरा / परमेश्वरी धाम मंदिर पिथौरा  में चैत्र नवरात्रि के अवसर पर श्रीमद भागवत कथा आयोजित की गई है। अल्पायु कथा वाचिका जया गौतम व्यास पीठ द्वारा  रोचक ढंग से कथा सुना रही हैं। श्रीमद्भागवत कथा में प्रसंगो के अनुकूल निकाली जा रही झांकियां लोगों का मन मोह रही हैं वहीं व्यासपीठ से गाए जा रहे भजनों में लोग झूमते हुए कथा का आनंद ले रहे हैं।

चैत्र नवरात्र के पावन पर्व पर मां परमेश्वरी मंदिर पिथौरा में चल रही संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के दिनांक 28 मार्च सातवें दिन श्रीकृष्ण रुक्मणी विवाह का आयोजन हुआ। श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिन सुमधुर कथा वाचिका देवी जया गौतम जी  ने महारास कंस वध रुक्मणी विवाह अध्याय का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि महारास में पांच अध्याय हैं। उनमें गाए जाने वाले पंच गीत भागवत के पंच प्राण हैं। जो भी ठाकुरजी के इन पांच गीतों को भाव से गाता है, वह भव पार हो जाता है। उन्हें वृंदावन की भक्ति सहज प्राप्त हो जाती है।


कथा में भगवान का मथुरा प्रस्थान, कंस का वध, महर्षि संदीपनी के आश्रम में विद्या ग्रहण करना, कल्यवान का वध, उद्धव गोपी संवाद, ऊद्धव द्वारा गोपियों को अपना गुरु बनाना, द्वारका की स्थापना एवं रुक्मणी विवाह के प्रसंग का संगीतमय कथा का श्रवण कराया गया। देवी जय गौतम जी ने कहा कि महारास में भगवान श्रीकृष्ण ने बांसुरी बजाकर गोपियों का आह्वान किया और महारास लीला द्वारा ही जीवात्मा का परमात्मा से मिलन हुआ।


उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण ने 16 हजार कन्याओं से विवाह कर उनके साथ सुखमय जीवन बिताया। भगवान श्रीकृष्ण रुक्मणी के विवाह की झांकी ने सभी को खूब आनंदित किया। रुक्मणी विवाह के आयोजन ने श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस दौरान कथा मंडप में विवाह का प्रसंग आते ही चारों तरफ से श्रीकृष्ण-रुक्मणी पर जमकर फूलों की बरसात हुई।

कथावाचक ने भागवत कथा के महत्व को बताते हुए कहा कि जो भक्त प्रेमी कृष्ण-रुक्मणी के विवाह उत्सव में शामिल होते हैं उनकी वैवाहिक समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है। कथा वाचिका ने कहा कि जीव परमात्मा का अंश है। इसलिए जीव के अंदर अपार शक्ति रहती है। यदि कोई कमी रहती है, तो वह मात्र संकल्प की होती है। संकल्प एवं कपट रहित होने से प्रभु उसे निश्चित रूप से पूरा करेंगे उन्होंने महारास लीला श्री उद्धव चरित्र, श्री कृष्ण मथुरा गमन और श्री रुक्मणी विवाह महोत्सव प्रसंग पर विस्तृत रुप से कथा सुनाई। इस मौके पर कथा आयोजक परमेश्वरी मंदिर समिति के पदाधिकारी नगर के गणमान्य नागरिक महिला पुरुष भक्तगण काफी संख्या में मौजूद रहे।

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