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Durgkondal: पशु चिकित्सालय में स्टाप की कमी, चिकित्सालय बना सो पिस।*

 *पशु चिकित्सालय में  स्टाप की कमी, चिकित्सालय बना सो पिस।*


*राज्य सरकार  द्वारा 150 पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारीयों की नियुक्ति  हुई,पर दुर्गुकोंदल विकास खंड मे एक भी नहीं।*






दुर्गूकोंदल ।शासन की सबसे  महत्वाकांक्षी योजना नरवा,गरवा ,घुरवा बारी व गौठान के सफलता में मुख्य भूमिका पशुधन विभाग की ही रहती है, कांकेर जिला के दुर्गुकोंदल विकास खंड में स्टाफ की कमी के चलते ईस योजना के क्रियान्वयन में प्रभाव पड़ते दिख रहा है, सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी के कुल 8 पद रिक्त हैं,टीकाकरण, पशु उपचार योजनाओं का संचालन, उन्नत प्रजनन,रोग नियंत्रण,गौठानों का देखकर आदि सबकुछ पशुचिकित्सा विभाग के ईन्ही ही कर्मचारीयों  के भरोसे चलता है,यह आदिवासी बाहुल्य ईलाका है,यहां जागरुकता के कमी के चलते हमेशा किसी ना किसी तरह के बिमारी से पशु संक्रमित होते हैं, जिसका समय पर उपचार नहीं होने से क्षेत्र के कृषको पशुधन की हानी होती है। सर्वाधिक समस्या उन दुर्गम क्षेत्रों के पशुपालकों को झेलना पड़ता है जहां पर सही समय में पशुचिकित्सा विभाग के कर्मचारी पहुंच नहीं पाते,जिसके चलते अनेक बिमारियों से पशुओं की मृत्यु हो जाती हे,कई बार  टीकाकरण अभियान के सुचारू रूप से संचालन में विभागीय अमले को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है,ईन तमाम परेशानियों  को लेकर अनेकों बार कर्मचारी संगठनों के माध्यम से शासन को अवगत कराया जा चुका है,पर 150 की संख्या  में नियुक्त  हुई, क्षेत्र वासियों को आशा थी कि कम से कम  2,4 कर्मचारियों की नियुक्ति हो जायेगी,पर सब पहुंच और सेटिंग करके अपने मनचाहे जगहों पर पोस्टींग करवा लिए, बस्तर, सुकमा, दंतेवाड़ा में कलेक्टर के माध्यम से संविदा पर कर्मचारी काम कर रहे हैं पर कांकेर जिले में संविदा में भी भर्ती नहीं हो रही है, जबकि वेटनरी पोलीटेक्निक पशु चिकित्सा महाविद्यालय से कोर्स कंप्लीट करने के बाद बेरोजगार घुम रहे हैं।सेटअप के तहत प्रदेश  में 2200 सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी का पद है, पर केवल 1000 कर्मचारी ही कार्यरत हैं, लगभग आधे सीट खाली है, दुर्गुकोंदल में पशु औषधालय कोदापाखा, कोड़ेकुर्से,साधुमिचगांव कलंकपुरी, महेन्द्रपुर, चिखली तथा पशुचिकित्सालय दुर्गुकोंदल में सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी का पद रिक्त है,एक- कर्मचारी को 2,3,4 संस्था का प्रभार दिया गया है,जिसके कारण कार्य प्रभावित हो रही है, संस्थाओं की दुरी भी 30 से 40 किलोमीटर का डिफरेंस है,कुछ दिन पहले ही  कांकेर जिले में विभागीय पदोन्नति के माध्यम से 5,7 पद सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारीयों की पदस्थापना हुई उसमें भी दुर्गुकोंदल विकास खंड मे एक भी कर्मचारियों की पोस्टिंग नहीं की गई।

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