*भीषण गर्मी में बढ़ी मटकों की मांग, खूब हो रही बिक्री*
दुर्गूकोंदल ।गर्मी के दस्तक देते ही गरीबों के लिए देसी फ्रीज यानी मिट्टी के मटके और सुराही आदि की मांग बढ़नी शुरू हो गई है। दुर्गूकोंदल साप्ताहिक बाजार में लगा मटका दुकान पर खरीदने के लिए हर बाजार लोगों की भीड़ लग रही है। इस बार मटकी की दुकान पर भी महंगाई का असर देखने को मिला। मटके के बढ़े दाम इस बार गरीबों जेब पर भारी पड़ रहीगर्मी के दस्तक देते ही गरीबों के लिए देसी फ्रीज यानी मिट्टी के मटके और सुराही आदि की मांग बढ़नी शुरू हो गई है। दुर्गूकोंदल बाजार में खरीदने के लिए लोगों की भीड़ लग रही है। इस बार मटकी की दुकान पर भी महंगाई का असर देखने को मिला। मटके के बढ़े दाम इस बार गरीबों जेब पर भारी पड़ रही है। वहीं। इन दिनों 45 डिग्री सेल्सियस तक पारा पहुंच चुका है। ऐसे में गर्मी की तपिश से गला तर करने के लिए लोग मिट्टी के घड़े और सुराही आदि की खरीदारी करने लगे हैं। फिलहाल फ्रिज अथवा कूलर की बिक्री में बढ़ोत्तरी हो या न हो, लेकिन मिट्टी से बने इन बर्तनों की बिक्री में अच्छी-खासी बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। यही वजह है कि इन दिनों बाजारों में जगह-जगह मिट्टी के घड़े आदि बिकते नजर आ रहे हैं। गर्मी का मौसम आते ही आम आदमी को गर्मी से निजात पाने के लिए तमाम वस्तु की आवश्यकता महसूस होने लगी है। हालांकि अभी गर्मी नौतपा की तेज गर्मी हो रही है फिर भी लोगों ने गर्मी के लिए सभी व्यवस्थाएं बनाना जा रहे हैं। एक ओर गरीब तबके का व्यक्ति गले को तर करने के लिए घड़े की खरीदारी कर रहा है। गर्मी के दिनों में काफी लोग फ्रिज का पानी पीने की बजाए मटके के पानी से गला तर करना ज्यादा पसंद करते हैं। मटकों और सुराही की कीमत पचास रुपये से दो सौ रुपये की कीमत में बिक रहे हैं। सामान्य और छोटे मटके कम कीमत में तो टोंटी न नल लगे मटकों व सुराही की ज्यादा कीमत रहती है।
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