*योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं बल्कि जीवन जीने की अद्भुत कला- विकास राजु नायक*
दुर्गूकोंदल | विकासखण्ड दुर्गूकोंदल में आज योग दिवस के अवसर पर ब्लॉक स्तरीय योग कार्यक्रम का आयोजन सद्भावना भवन दुर्गूकोंदल में आयोजित किया गया, इस वर्ष योग दिवस हेतु योगा एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य थीम निर्धारित किया गया था जिसमें मुख्यरूप से जनपद सभापति विकास राजु नायक, मुख्यकार्यपालन अधिकारी सुरेंद्र बंजारे, तहसीलदार केतन भुआर्या, खंड शिक्षा अधिकारी एस पी कोसरे खंड चिकित्सा अधिकारी चन्दन बैरागी, सरपंच शकुंतला नरेटी, बिदेसिंह कल्लो, अशोक जैन, रामचंद्र कल्लो, संजय उइके अतिथी के रूप में शामिल हुए | जिसमें शासन के प्रोटोकॉल अनुसार सर्वप्रथम देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का सम्बोधन सुना फिर सभी ने योग शिक्षक शंकरदास नागवंशी के नेतृत्व में योग किया और संकल्प लिया कि हम सभी योग के प्रति सजग रहेंगे और हर रोज योग करेंगें | अतिथियों ने ब्लॉक स्तरीय योग कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए योग दिवस की शुभकामनायें दी और कहा कि आज हम सभी अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 के शुभ अवसर पर एकत्रित हुए हैं। यह दिन हर वर्ष 21 जून को मनाया जाता है। इस दिन की शुरुआत भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 2015 में संयुक्त राष्ट्र संघ में प्रस्ताव रखकर की थी, जिसे 193 देशों का समर्थन प्राप्त हुआ। योग भारत की एक प्राचीन विद्या है, जिसकी उत्पत्ति हमारे महान ऋषि-मुनियों ने हजारों वर्ष पूर्व की थी। "योग" शब्द संस्कृत की "युज" धातु से बना है, जिसका अर्थ होता है – जुड़ना। यह जुड़ाव केवल शरीर और मन का नहीं, बल्कि आत्मा का परमात्मा से मिलन है। योग जीवन को संतुलित, अनुशासित और शांतिपूर्ण बनाने का माध्यम है। यह न केवल एक व्यायाम पद्धति है, बल्कि एक संपूर्ण जीवनशैली है जो शारीरिक, मानसिक और आत्मिक विकास को साधती है, आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में जहाँ तनाव, चिंता और अवसाद तेजी से बढ़ रहे हैं, वहाँ योग हमें भीतर से मजबूत बनाता है। योग से न केवल शरीर लचीला होता है, बल्कि मन को भी शांति मिलती है। यह ध्यान, प्राणायाम और आसनों के माध्यम से हमें वर्तमान में जीना सिखाता है। विशेषकर छात्रों के लिए योग एक ऐसा साधन है जो उन्हें पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करने और आत्म-नियंत्रण विकसित करने में मदद करता है, योग केवल एक शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक अद्भुत कला है। यह शरीर, मन और आत्मा को संतुलन में लाने का माध्यम है। योग से न केवल स्वास्थ्य बेहतर होता है, बल्कि तनाव, चिंता और अवसाद से भी मुक्ति मिलती है, योग हमें सिखाता है संयम, अनुशासन और आत्म-नियंत्रण। यह ध्यान और सांसों के माध्यम से हमें अपने अंदर झाँकने की शक्ति देता है। विद्यार्थी जीवन में योग का विशेष महत्व है, क्योंकि यह पढ़ाई में एकाग्रता और मानसिक स्पष्टता को बढ़ाता है अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 की थीम "एक धरती, एक स्वास्थ्य के लिए योग" (Yoga for One Earth, One Health) रखी गई है। यह विषय मानव, पर्यावरण और समग्र स्वास्थ्य के बीच सामंजस्य पर बल देता है। योग दिवस 2025 के आयोजन इस बात पर केंद्रित हैं कि कैसे योग व्यक्तिगत स्वास्थ्य के साथ-साथ पृथ्वी के स्वास्थ्य को संतुलित करने में एकता का संदेश देता है, हर साल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पूरी दुनिया में योग के महत्व और उसके लाभों को समझाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। योग हर आयु वर्ग के लिए बेहद महत्वपूर्ण अभ्यास है, जो शरीर, मन और आत्मा को संतुलित रखने में मदद करता है। इस दिन स्कूलों एवं अन्य शैक्षणिक संस्थानों में योग सत्रों का आयोजन किया जाता है। बच्चों में जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधियाँ आयोजित की जाती है| जिसमें पंचायत इंस्पेक्टर आर के किशोरे, बीपीएम नंदिनी दीवान, खंडश्रोत समन्वयक लतीफ सोम, योगेश मरकाम, नारायण नेताम, राधेश्याम कांगे, गेश्वरी ठाकुर, संजीव सिदार, मृणाल माली, कल्पना जुर्री, सुकाल जुर्री, डॉ प्रीती बाला ठाकुर हलधर नेगी,सावित्री ठाकुर, मनीषा सिन्हा, नरेंद्र साहू, पंकज नरेटी सहित समस्त विभाग के कर्मचारी स्कूली बच्चे और क्षेत्रवासी उपस्थित रहे |
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